- स्वराज्य करुण
अगर भारत में रह कर भारतीयों को ही कोई 'ब्लडी इन्डियन ' कह कर अपमानित करे तो उसे हम देश का दुश्मन नहीं तो और क्या मानेंगे ? दुर्भाग्य की बात है कि बाबा रामदेव जैसे योग-ऋषि को हमारे ही देश के एक जिम्मेदार नेता ने 'ब्लडी इन्डियन' कहा और हम देशवासियों ने एक भारतीय के द्वारा एक महान भारतीय के इस अपमान का कोई प्रतिकार नहीं किया ! क्या आगामी इतिहास हमें माफ करेगा ? बाबा रामदेव ने देश की दौलत लूटने वाले सफेदपोश डाकुओं के खिलाफ जन-जागरण का अभियान चलाया है. ऐसे में इन लूटेरों और डाकुओं के पेट में दर्द होना लाजमी है.
बाबा ने उनकी कमज़ोर नब्ज़ पर हाथ रख दिया है . उन्हें बेनकाब कर रहे हैं . ऐसे में उनकी बौखलाहट भी लाजमी है. बाबा एक समर्पित समाज सेवी हैं. उनकी सार्वजनिक जीवन शैली में पारदर्शिता है. उन्होंने तो अपनी संपत्ति का हिसाब मांगने वालों से कह दिया है कि वे चाहें तो उनसे एक-एक पैसे का हिसाब ले लें .बाबा ने कहा है कि अपने सार्वजनिक न्यास की सम्पूर्ण संपत्ति का पूरा विवरण आयकर विभाग और देश को देने को वे तैयार हैं,उन्होंने अपने न्यास की एक हज़ार ११५ करोड रूपए की जनता से दान में मिली संपत्ति की जानकारी दे भी दी है, जिसका उपयोग जनता की ही भलाई के लिए योग और आयुर्वेद के विकास में किया जा रहा है, लेकिन उनसे संपत्ति का हिसाब मांगने वालों ने क्या देश की जनता को अपनी बेहिसाब काली कमाई का हिसाब दिया है ? क्या उन लोगों ने स्विस बैंक और देश-विदेश के बैंकों में खोले गये अपने गुप्त खातों के बारे में कभी जनता को कुछ बताने का ज़रा भी नैतिक साहस दिखाया है ? ऐसे लोग तो बड़ी बेशर्मी से यह कह देते हैं कि स्विस -बैंक में भारत के किन चोर-डाकुओं की कितनी दौलत जमा है, उसकी जानकारी जनता को नहीं दी जा सकती . तब ऐसे में सूचना के अधिकार का ढिंढोरा क्यों पीटा जा रहा है कि अब भारत की जनता को सरकार से सब कुछ जानने का कानूनी अधिकार मिल गया है ? विदेशी बैंकों में जमा काले धन के खातेदारों के नाम उजागर करने में बहानेबाजी का एक कारण यह भीहो सकता है कि इनमे इनमे इन बहानेबाजों के भी नाम शामिल होंगे . ऐसे में ये बेचारे भला स्वयम को कैसे बेनकाब करें ?
यह देश के स्वाभिमान पर और देश की जनता के सम्मान पर हमला नहीं तो और क्या है कि विदेशी बैंकों में जमा देश की दौलत के बारे में देश की जनता को जानने का अधिकार नहीं है . फिर तो स्वाभाविक है कि लूटेरों की मौज-मस्ती चलती रहेगी और देश महंगाई और बेरोजगारी की आग में झुलसता रहेगा ! व्यावहारिक और सुस्पष्ट विचारों के लिए देश-विदेश में सबसे ज्यादा चर्चित और सर्वाधिक लोकप्रिय योग-ऋषि बाबा रामदेव ने अपनी जान पर खतरे का संकेत दिया है . उन्होंने पिछले वर्ष अक्टूबर में लखनऊ में यह बयान दिया था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों को ताकतवर लोग रास्ते हटा देते हैं . चूंकि मै भी भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज़ बुलंद करता रहा हूँ , इसलिए ऐसे लोग मुझे भी दुनिया से उठाना चाहते हैं . बाबा ने यह भी कहा कि दिल्ली में हाल ही में हुए कॉमन वेल्थ खेलों में एक लाख करोड़ रूपए से भी घपला हुआ है और वे इस आर्थिक दुराचार के खिलाफ अगले माह प्राथमिकी दर्ज कराएंगे . इसमें दो राय नहीं कि बाबा रामदेव एक क्रांतिकारी योग-गुरु हैं , जिन्होंने इंसानी सेहत की बेहतरी के लिए योग और प्राणायाम को अपने शिविरों और टेलीविजन कार्यक्रमों के ज़रिए आम जनता के घरों तक और दिलों तक पहुंचाया. वर्ना अब तक तो अधिकांश लोग यह मानते चले आ रहे थे कि योग-विद्या सिर्फ ऋषि-मुनियों के लिए है. बाबा ने जन-मानस में छाए भ्रम के इस कुहासे को दूर किया .आखिर कौन है वह ,जो उनसे डरता है , जिसे उनके क्रांतिकारी मिशन से डर लगता है ?
योग ऋषि बाबा रामदेव |
बाबा रामदेव ने योग और प्राणायाम को शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारे मानसिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्वास्थ्य से जोड़ने का ऐतिहासिक कार्य किया .बाबा ने स्कूलों में यौन शिक्षा की वकालत करने वाले तथा कथित आधुनिक बुद्धिजीवियों को साफ़ शब्दों में नसीहत दी कि नैतिक मूल्यों के साथ-साथ बच्चों की अच्छी सेहत के लिए यौन-शिक्षा की नहीं ,बल्कि योग-शिक्षा की ज़रुरत है.बाबा ने लोगों को शराब ,सिगरेट ,गांजा और भांग समेत अन्य नशीले पदार्थों के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान से आगाह किया और इनसे बचने की सलाह दी. उनके विचारों का और संदेशों का लाखों-करोड़ों लोगों पर गहरा असर हुआ . अब देश में कोल-ड्रिंक्स का बाज़ार पहले जैसा नहीं रहा . लोग दुकानों में कोल-ड्रिंक्स खरीदने वाले नासमझों को अब आश्चर्य से देखते हैं . इन तमाम पहलुओं पर अगर बारीकी से गौर किया जाए तो आसानी से समझा जा सकता है कि बाबा रामदेव की जान को किन लोगों से ख़तरा हो सकता है . बाबा इस देश और दुनिया को अच्छे रास्ते पर चलने की सीख दे रहे हैं . ऐसे में स्वाभाविक है कि समाज को बुराई के रास्ते पर धकेल कर स्वार्थ की रोटी सेंकने वालों के काले कारोबार पर बुरा असर तो होगा . मानव-समाज में छुपे ऐसे दानवों को लगता है कि बाबा के ओजस्वी विचारों के आगे उनकी एक नहीं चलने वाली . अपनी दाल नहीं गलने पर ऐसे लोग कायरता की किसी भी सीमा तक जा सकते हैं .बाबा इस देश और समाज की अनमोल धरोहर हैं. वे भारत माता के अनमोल रत्न हैं . उनकी सुरक्षा सरकार के साथ-साथ हम सबकी ज़िम्मेदारी है. क्या हम एक सामाजिक -सुरक्षा घेरा बना कर बाबा की हिफाज़त नहीं कर सकते ? अगर भ्रष्टाचार करने वालों, कालाबाजारियों , मिलावटखोरों , शराब और नशा बेचने वालों को हम सब एक होकर ललकारें ,तो बाबा की रक्षा के लिए सामाजिक-सुरक्षा घेरा अपने-आप बनता और बढ़ता चला जाएगा . ऐसा दिन आखिर कब आएगा ? सोचता हूँ , आखिर कहाँ से होगी शुरुआत ?
स्वराज्य करुण
2 टिप्पणियाँ:
बाबा रामदेव के नेतृत्व में भारत स्वाभिमान मंच के बैनर पर आज दिल्ली के रामलीला मैदान में लगभग एक लाख लोगों ने भ्रष्टाचार के राष्ट्र-व्यापी संकट पर और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ विशाल रैली निकाली. इसमें सुप्रसिद्ध समाज-सेवी अन्ना हजारे और किरण वेदी सहित कई जाने-माने चिंतकों ने लोगों को संबोधित किया . मुझे लगता है कि इस गंभीर राष्ट्रीय समस्या को लेकर पूरे देश में इस प्रकार के जन-जागरण के लिए पहल करने का समय आ गया है.ब्लॉग-जगत को भी इस पर विचार करना चाहिए .
आपका लेख पढ़ कर यही कहने की इच्छा है कि" सफलता या असफलता के भय से यदि भारत के निर्माण में योगदान कर सकने वाले लोग भी भारतीय राजनीति के सुधार में योगदान नहीं देंगे तो फिर देश का पतन ही होगा" .
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