ख़ुशी जो छुए तो बढ़के गले लगा लो उसे तुम !
न जाने वो पल कभी फिर आये न आये कल !
इस जन्म मै फिर उससे मुलाकात भी न हो !
मोहोब्बत है उसी से कहीं ये बात भी न हो !
जानती हूँ मैं... तेरा तो कारोबार बहुत बड़ा है !
मुझसे दूर तू न जाना मै तेरी ही इक सहेली हूँ !
जिंदगी के साथ रहती हूँ इसलिए इक पहेली हूँ !
ख़ुशी - ख़ुशी तेरे वादे पर चलती जाऊँगी मैं !
जो तूँ साथ दे तो हर गम को भुलाती जाऊँगी मैं !
तू जो साथ हो मेरे तो होंसला सा बढ़ता है !
बीते लम्हों को भूलने का सिलसिला सा चलता है !
तेरे जाते ही जाने कयुं हर तरफ अँधेरा सा पसरता है !
न जाने हरदम जीने का ये सिलसिला सा थमता है !
अब तू जान गई है न ...तू मेरे कितने करीब है !
या अब भी किसी पन्ने का हिसाब बाक़ी रखती है !
4 टिप्पणियाँ:
jitni pyaari tasweer utne suljhe pyaare se khyaal
अब तू जान गई है न ...तू मेरे कितने करीब है !
या अब भी किसी पन्ने का हिसाब बाक़ी रखती है।
वाह, क्या बेहतरीन लाईनें। बाकी कमी तस्वीर ने पूरी कर दी।
बहुत ही सुन्दर कविता... एक-एक शब्द और पंक्ति आँखों के सामने
सुन्दर कविता ....
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