नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » » ख़ुशी

ख़ुशी

Written By Minakshi Pant on शनिवार, 12 फ़रवरी 2011 | 7:18 pm


ख़ुशी जो छुए तो बढ़के गले लगा लो उसे तुम ! 
न जाने वो पल कभी  फिर आये न आये कल !
इस जन्म मै फिर उससे मुलाकात भी न हो !
मोहोब्बत   है उसी से  कहीं  ये बात भी न हो !
जानती  हूँ मैं... तेरा तो  कारोबार बहुत बड़ा है !
मुझसे दूर तू न जाना मै तेरी ही इक सहेली  हूँ !
जिंदगी के साथ रहती हूँ इसलिए इक पहेली हूँ !
ख़ुशी - ख़ुशी तेरे वादे पर चलती  जाऊँगी मैं  !
जो तूँ साथ दे तो हर गम को भुलाती जाऊँगी मैं !
तू जो साथ हो मेरे  तो होंसला सा बढ़ता  है ! 
बीते लम्हों को भूलने का सिलसिला सा चलता है !
तेरे जाते ही जाने कयुं हर तरफ अँधेरा सा पसरता है !
न जाने हरदम जीने का ये सिलसिला सा थमता है !
अब तू जान गई है न ...तू मेरे कितने करीब है !
या अब भी किसी पन्ने का हिसाब बाक़ी रखती है !
Share this article :

4 टिप्पणियाँ:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

jitni pyaari tasweer utne suljhe pyaare se khyaal

Atul Shrivastava ने कहा…

अब तू जान गई है न ...तू मेरे कितने करीब है !
या अब भी किसी पन्ने का हिसाब बाक़ी रखती है।
वाह, क्‍या बेहतरीन लाईनें। बाकी कमी तस्‍वीर ने पूरी कर दी।

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत ही सुन्दर कविता... एक-एक शब्द और पंक्ति आँखों के सामने

shyam gupta ने कहा…

सुन्दर कविता ....

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.