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AIBA के अध्यक्ष पद पर एक महिला को बैठाकर हिंदी ब्लागजगत की पुरूष प्रभुत्ववादी संरचना को बदला जा सकता है - ANWER JAMAL

Written By DR. ANWER JAMAL on बुधवार, 23 फ़रवरी 2011 | 5:58 am

जनाब संयोजक महोदय जी,
LBA में अध्यक्ष पद किसी महिला को सौंपा जाए ऐसा प्रस्ताव मैंने आपके सामने रखा था और आपने उसे स्वीकार करते हुए रेखा श्रीवास्तव जी को LBA अध्यक्ष पद दे भी दिया है और आपका प्रयोग सफल भी रहा है । LBA के पाठक और अनुसरणकर्ता दोनों बढ़ रहे हैं । कमेंट्स की दशा में भी अपेक्षाकृत बेहतरी आई है । अतः उसी सफ़ल प्रयोग को AIBA में भी दोहराया जाए और यहाँ भी किसी महिला को ही अध्यक्ष बनाया जाए बल्कि न सिर्फ अध्यक्ष पद महिला को दिया जाए बल्कि कार्यकारिणी में भी महिलाओं को खुले तौर पर वरीयता दी जाए ताकि हिंदी ब्लागजगत की पुरूष प्रभुत्ववादी संरचना में सुधार लाया जा सके । ' हिंदी ब्लागर्स फोरम इंटरनेशनल ' के पद पर मैंने भी एक विदुषी चिंतक रश्मि प्रभा जी को आसीन किया है और तीन पदों में से दो पर महिलाओं को विराजमान किया है और उन पर कोई अहसान नहीं किया है बल्कि केवल अपने वर्ग के , पुरुष वर्ग के पापों को धोया है ।
प्रमुख पदों पर पुरूष प्रायः अपने ही वर्ग को देखना चाहता है । ऐसा ज़ालिमाना चलन हिंदी ब्लाग जगत में आम है । अगर आप मेरे प्रस्ताव को स्वीकार कर लेंगे तो मेरा 'नारी को सम्मान दिलाओ अभियान' एक कदम और आगे बढ़ेगा और जो पुरूष वर्ग यहाँ डाकुओं की तरह इज़्ज़तों पर अवैध रूप से क़ब्ज़ा जमाए बैठा है उस पर धिक्कार भी पड़ेगी और बदलने के लिए नैतिक दबाव भी ।
ऐसी कोई भी महिला , जिसे हिंदी ब्लागिँग का पर्याप्त अनुभव हो और हिंदी ब्लागर्स से भी वाक़िफ़ हो और हिंदी ब्लागर्स उससे वाकिफ हों , AIBA की कुर्सी ए सदारत पर बैठाए जाने के लिए सर्वथा उपयुक्त है ।
AIBA के सदस्यगण भी इस विषय में अपने विचार अवश्य दें ।
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5 टिप्पणियाँ:

आपका अख्तर खान अकेला ने कहा…

shi kha jnaab ne . akhtar khan akela kota rajsthan

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

समर्थन के लिए शुक्रिया खान साहब ।

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

@ वंदना जी ! आपने मेरी कई रचनाओं को चर्चामंच पर जगह दी है । अगर आप ही इस ब्लाग के किसी पद पर सुशोभित हों तो इस ब्लाग को चार चाँद लगें या न लगें लेकिन एक चाँद तो जरूर लग ही जाएगा । वैसे भी आप भी इस ब्लाग की मेंबर हैं ।
मालिक आपका नाम रौशन करे क्योंकि आप तो ईश्वर की वंदना हैं । वंदना की महिमा बयान करना आसान नहीं है । यथा नाम तथा गुण । बस अब मैं इशा की नमाज़ के लिए उठ रहा हूं और यह वक्त दुआ की क़ुबूलियत का माना जाता है ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अद्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित श्रीमती वन्दना गुप्ता के नाम का मैं समर्थन करता हूँ!

shyam gupta ने कहा…

अर्थात--कहने का अर्थ यह हुआ कि -नारियां ने ये पद भी पुरुष की क्रिपा से प्राप्त किये हैं...अपने गुणों से नहीं......क्या कहने....

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