मैं तुम्हें अनगिनत रूपों में प्यार करना चाहता हूँ , अनगिनत बार , इस जीवन में , इस जीवन के बाद भी , इस युग में , इस युग के बाद भी । -रवींद्रनाथ टैगोर
किया था प्यार जिसे हमने ज़िंदगी की तरह
वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह
-क़तील शिफ़ाई
किया था प्यार जिसे हमने ज़िंदगी की तरह
वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह
-क़तील शिफ़ाई
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