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Anwer Jamal said :

Written By DR. ANWER JAMAL on मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011 | 8:22 am

मैं तुम्हें अनगिनत रूपों में प्यार करना चाहता हूँ , अनगिनत बार , इस जीवन में , इस जीवन के बाद भी , इस युग में , इस युग के बाद भी । -रवींद्रनाथ टैगोर

किया था प्यार जिसे हमने ज़िंदगी की तरह
वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह
-क़तील शिफ़ाई
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