अब तक क्रिकेट के नौ विश्व कप हुए हैं . आस्ट्रेलिया ने सवार्धिक चार बार इस ख़िताब को जीता है , वेस्टइंडीज ने दो बार और भारतीय उपमहाद्वीप की तीनों प्रमुख टीमें भारत , पाकिस्तान और श्रीलंका ने इसे एक-एक बार जीता है . दसवां विश्व कप भारतीय उपमहाद्वीप में हो रहा है , इसलिए भारत के क्रिकेट प्रेमी उम्मीद लगाए बैठें हैं कि भारतीय टीम इस बार विश्व कप जीते . भारतीय टीम का प्रदर्शन भी उम्मीदों को जगाता है , लेकिन " सचिन के लिए विश्व कप जीतना है " के नाम पर पिछले कुछ दिनों से जो मुहिम शुरू हुई है , वो भारतीय टीम पर अतिरिक्त दवाब बनाएगी . पता नहीं क्यों भारतीय खिलाडी इसे लेकर प्रचार में लगे हुए हैं ?
भारत के इलावा श्रीलंका की टीम भी घर में खेल रही है , हाल ही में उसने वेस्टइंडीज को हराया है . स्पिन आक्रमण उसकी ताकत है . भारतीय उपमहाद्वीप की पिचें उसकी मदद करेंगी . एशिया की तीसरी टीम पाकिस्तान भी हर बार की तरह छुपी रुस्तम साबित होगी . न्यूज़ीलैंड को हराकर वह जीत की पटरी पर लौट चुकी है . भले ही पाकिस्तान में कोई मैच नहीं हो रहा लेकिन भारत-श्रीलंका-बंगलादेश की पिचें उसे घर-सी लगेंगी .
अन्य टीमों में आस्ट्रेलिया सबसे प्रमुख दावेदार है . एशेज़ की हार से उसे कमजोर माना जा रहा था , लेकिन एकदिवसीय मैचों में उसने इंग्लैंड को बुरी तरह से रौंद दिया है . फिर वह पिछले तीन विश्व कपों का विजेता है और रैंकिंग में नम्बर एक है . द.अफ्रीका सदा से दुर्भाग्य की शिकार रही है , लेकिन उसकी क्षमता पर किसी को संदेह नहीं . इस बार भी वह दावेदार होगी .
वेस्टइंडीज , इंग्लैंड , न्यूज़ीलैंड कुछ कमजोर तो हैं ,लेकिन क्वार्टर फाइनल में ये किसी पर भी भारी पड़ सकती हैं .संक्षेप में क्वार्टर फाइनल के बाद सभी टीमें बराबर की दावेदार हैं . जो मानसिक रूप से मजबूत होगी वही टीम जीतेगी . हाँ भारतीय होने के नाते टीम इंडिया जीते यह चाह सबकी है .
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2 टिप्पणियाँ:
कौन क्या है?
किसकी कितनी सम्भावनायें है?
किससे कितनी आशायें हैं?
आच्छी जानकारी।
संक्षेप में क्वार्टर फाइनल के बाद सभी टीमें बराबर की दावेदार हैं . जो मानसिक रूप से मजबूत होगी वही टीम जीतेगी
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