लेखक , कवि व् साहित्यकार
तो पहले भी कई हुए |
अपने - अपने विचारों से
सबने पन्ने भी हैं भरे |
स्कूल , कालेजों मै ,
हमने भी उन्हें पढ़ा ,
पर क्या आज तक उनके
कहने पे कोई चला ?
हर किसी ने अपनी ही बात का
अनुसरण है किया |
क्युकी हर कोई अपनी
दिल कि कहानी लिखता है |
अपनी ही सोच को ...............
ख़ाली कर .............. आने वाली
सोच का स्वागत करता है |
ये उसकी एक छोटी सी...
कोशिश ही तो होती है |
यु समझो अपने साथ बीते...
लम्हों कि सोगात होती है |
क्युकी ... इन्सान के सोच का
तो कोई अंत नहीं |
अगर कोई लिखने लगे तो
दिनकर , प्रेमचंद जी से भी कोई कम नहीं |
हर किसी के पास...
सोच का एक बड़ा खजाना है |
यु समझो सबने अपने विचारों से
इतिहास को रचते जाना है |
3 टिप्पणियाँ:
हर किसी ने अपनी ही बात का
अनुसरण है किया |
क्युकी हर कोई अपनी
दिल कि कहानी लिखता है |
................
और् वो कहानी प्रत्येक हृदय को प्रभावित करती है
क्योंकि हार्दिक धरातल पर साम्य है।
बहुत अच्छी रचना
सही कहा-
--हर कोई अपनी
दिल कि कहानी लिखता है |
---पर...उस दिल में कहानी औरों की कहानी पढने-सुनने से ही आती है....
bat to aapne theek kahi hai par isse main sahmat nhin hoon
अगर कोई लिखने लगे तो
दिनकर , प्रेमचंद जी से भी कोई कम नहीं |
vaise main to tulna ko bhi uchit nhin manta . har kisi ka apna sthan hona chahie
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