आज है तुझको कसम,
मुख पे है जो दिव्य आभा,
कि जग को तु सँवार दे।
हाथ में भविष्य तेरे,
मानवों के हित का।
जगती से तेरे जीत का,
बढ़ता ही चल उन राहों में,
जो राह स्वर्ग तक जाती है,
रोक ना तु अब पग इक पल यहाँ,
जो बंधन तुझे मिटना सिखाती है।
खो जा उसमें तब मिलेगा मँजिल,
अपने सुख दुख तु वार दे।
आज है तुझको कसम,
कि जग को तु सँवार दे।
जो झुक गया,जो रुक गया,
इंसान वो सच्चा नहीं।
जिस राह में बस फूल बिछा,
वो राह कभी अच्छा नहीं।
काँटों पे चल,अग्नि में जल,
होता है तो हो जाने दे अब,
अपने जीवन के अवसान का पल।
हार गया तन जीवन में तो क्या,
आत्मा को विजय का हार दे।
आज है तुझको कसम,
कि जग को तु सँवार दे।
प्रलोभन राहों में है मगर,
तेरी इच्छा तो अनंत की है।
थक कर ना सोना है तुझे,
तेरे तन ने आज ये कसम ली है।
भयमुक्त निडर सा चलना है,
तुझे आसमान की राहों पे,
अब ना किसी से डरना है,
दर्द से या अपनों के आहों से।
भूल जा बीती सारी असफलता,
अपनों को भी तु विसार दे।
आज है तुझको कसम,
कि जग को तु सँवार दे।
माँ की ममता की दुहाई,
पत्नी के सिंदूर का कसम।
बहना के निंदिया का वास्ता,
कभी ना ले तु दम में दम।
आक्रोश अपना संचित कर उर में,
क्रोध ज्वार को कर ले तु शांत,
प्रबल वेग चतुराई से अपने,
सब को दे दे तु क्षण में मात।
उपेक्षाओं,आलोचनाओं से ना घबराना,
पी जा जहर अपमान का,
जो तुझे संसार दे।
आज है तुझको कसम,
कि जग को तु सँवार दे।
दीप्त दीप्त जीत से संलीप्त,
मग्न मग्न कर्मों में संलग्न,
अवसर ना कोई गवाना,
हर पल तु बस चलते जाना।
सुदूर हो या पास हो,
मन में तेरे विश्वास हो,
इक लगन हो बस जीत की,
वैराग्य जगत से प्रीत की।
टल जाएँगे बाधाएँ पल में,
हर विघ्न बाधा को संहार दे।
आज है तुझको कसम,
कि जग को तु सँवार दे।
3 टिप्पणियाँ:
sunder rachna
lekin esa mhamanv bnega kaun yhi smsya hai . hmari apeksha sdaiv doosron se hoti hai
ये धोनी का फ़ोटो है.... या कल्कि-अवतार....
बहुत बहुत धन्यवाद आप सभी का....
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Thanks for your valuable comment.