नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » » डा रामाश्रय सविता का अमृत कलश अभिनन्दन समारोह.....डा श्याम गुप्त --

डा रामाश्रय सविता का अमृत कलश अभिनन्दन समारोह.....डा श्याम गुप्त --

Written By shyam gupta on बुधवार, 16 फ़रवरी 2011 | 11:13 am

                      अमृत कलश अभिनन्दन समारोह व पुस्तक लोकार्पण            

   हिन्दी के सुप्रसिद्ध विद्वान् ,साहित्यकार , कवि, समीक्षक , भाषा-विज्ञानी व अनुवादक-  लखनऊ विश्व-विद्यालय, हिन्दी विभाग  के भू पू प्रवक्ता, चीफ पोस्टमास्टर जनरल ,लखनऊ के पूर्व वरिष्ठ हिन्दी अधिकारी ,, सुलभ प्रकाशन लखनऊ के सलाहकार व  आलमबाग लखनऊ की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था "प्रतिष्ठा"  के  अध्यक्ष डा रामाश्रय सविता एम् ऐ (हिन्दी) पी एच  डी -का अमृत कलश अभिनन्दन समारोह दि. १५ फरवरी,२०११ को हिन्दी संस्थान, लखनऊ के सभागार  में सम्पन्न हुआ | समारोह की अध्यक्षता  ल वि वि के हिन्दी विभागाध्यक्ष  डा सत्य देव मिश्र ने की, डा शम्भूनाथ पूर्व अध्यक्ष हिन्दी संस्थान मुख्य अतिथि व  विशिष्ट अतिथि डा मोह.मुजम्मिल विभागाध्यक्ष वाणिज्य विभाग ल. वि. वि. और लखनऊ के वरिष्ठ साहित्यकार व कविता की अगीत विधा के संस्थापक, अगीतायन पत्र  के संस्थापक डा रंग नाथ मिश्र 'सत्य’  थे । संचालन  डा उषा सिन्हा पूर्व अध्यक्ष ल.वि.वि. व डा. कृष्णाजी प्रवक्ता ल.वि.वि. ने किया। समारोह में नगर के गण्यमान्य व्यक्ति ,भैयाजी , विभिन्न संस्थाओं के अध्य्क्ष व कवि और साहित्यकार उपस्थित थे ।
 ----चित्र १- में नीचे-बायें- डा विद्या बिंदु जी बोलते हुए , बैठे हुए .डा उषा सिन्हा, डा कमलेश जी, डा रामाश्रय सविता,डा शंभू नाथ, डा सत्य देव मिश्र, डा मोह.मुजम्मिल व डा रंग नाथ मिश्र 'सत्य'....
ऊपर चित्र २-में-दायें- "समय के साक्ष्य " गीत संग्रह का लोकार्पण करते हुए डॉ सविता , रचनाकार  डा कमलेश , डा शंभू नाथ,डा सत्यदेव मिश्र, डा मुज़म्मिल व डा सत्य ...
         समारोह में बोलते हुए  विद्वत जनों ने  डा सविता व के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें बहुमुखी प्रतिभा का धनी  कर्मठ व्यक्ति व हिन्दी के प्रति निष्ठावान बताते हुए कहा कि वे आज भीहिन्दी शिक्षण,साहित्य के स्रिजन, संवर्धन व उन्नन्यन व प्रोत्साहन में निरत हैं।  ल.वि.वि. के क्षात्र –क्षात्राओं को अपने निवास पर मार्ग-दर्शन, लखनऊ व अन्य स्थानों के साहित्यकारों को लेखन-प्रकाशन में वे आज भी उदारता व तत्परता से सहयोगरत हैं।
        समारोह में डा सविता जी के लघु भ्राता, नगर के सुप्रसिद्ध गीतकार डा कमलेश जी के गीत- संग्रह "समय के साक्ष्य " का लोकार्पण भी किया गया |
Share this article :

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.