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एक कतआ ....ड़ा श्याम गुप्त....

Written By shyam gupta on बुधवार, 28 सितंबर 2011 | 11:31 am


गौरैया हमारे दर
वो आये हमारे दर इनायत हुई ज़नाब |
आये  बाद बरसों  आये  तो  ज़नाब |
इस मौसमे-बेहाल में बेहाल आप हैं -
मुश्किल से मयस्सर हुए दीदार ऐ ज़नाब ||

आये बाद बरसों
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1 टिप्पणियाँ:

रविकर ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति ||
माँ की कृपा बनी रहे ||

http://dcgpthravikar.blogspot.com/2011/09/blog-post_26.html

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