तलाश जारी है
हर किसी की
न जाने किसे
ढूंढ रहे हैं सब
हर कोई
कुछ न कुछ
पाना चाहता है
जब मिल जाता है
तब फिर एक बार
कुछ नया पाने की
चाहत में
तलाश शुरू करता है
फिर एक बार
एक अंतहीन
दिशा की ओर
चलने लगता है
और उसकी
यह तलाश
ता-उम्र जारी रहती है
किसी को खोजने
की तलाश
कुछ पाने की
तलाश
मगर
तलाश है कि
कभी ख़त्म नही होती
मृत्यु के उस पार भी
उसकी यह
तलाश जारी रहती है
जब तक
ख़ुद को नही पाता
ख़ुद को
पाये बिना
कोई तलाश
पूरी नही होती
और तब तक
तलाश जारी रहती है
हर किसी की
न जाने किसे
ढूंढ रहे हैं सब
हर कोई
कुछ न कुछ
पाना चाहता है
जब मिल जाता है
तब फिर एक बार
कुछ नया पाने की
चाहत में
तलाश शुरू करता है
फिर एक बार
एक अंतहीन
दिशा की ओर
चलने लगता है
और उसकी
यह तलाश
ता-उम्र जारी रहती है
किसी को खोजने
की तलाश
कुछ पाने की
तलाश
मगर
तलाश है कि
कभी ख़त्म नही होती
मृत्यु के उस पार भी
उसकी यह
तलाश जारी रहती है
जब तक
ख़ुद को नही पाता
ख़ुद को
पाये बिना
कोई तलाश
पूरी नही होती
और तब तक
तलाश जारी रहती है
6 टिप्पणियाँ:
sach kaha aapne ...talash kabhi khtam nahi hoti .sarthak abhivyakti .badhai .
भौतिक युग की सोच का सुन्दर विश्लेषण .
कोई तलाशे इधर ,
कोई तलाशे उधर ,
क्या सभी का ,
कुछ खो गया है ?
ये ज़माने को ,
क्या हो गया है ?
khuda jld is tlash ko puri kre . akhtar khan akela kota rajsthan
इतनी तलाश किसकी दोस्त सबसे पहले खुद को जानो तो तलाश खुद - बखुद ख़त्म होनी शुरू हो जाएगी |
हम भगवान से दुआ करेंगे की आपकी ये तलाश जल्द ही खत्म हो जाये |
sundar rachna .
तलाश कभी खत्म नहीं होती, यह हकीकत है।
अच्छी रचना।
बिल्कुल सच कहा है आपने ...तलाश कभी खत्म नहीं होती ..बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
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Thanks for your valuable comment.