नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » » कौन है हम

कौन है हम

Written By बेनामी on बुधवार, 23 फ़रवरी 2011 | 12:47 pm

कौन है हम और है आये कहां से
क्या है हमारा ठिकाना
हंस देते है हम, जो पुछे है हमसे
बाते यही है जमाना।

गाते है क्यूं और चिल्लाते है क्यूं हम
बेकार है ये बताना
हमारे लिये तो लहू गर्म रखने का
छोटा सा है इक बहाना।

मगर याद रखना, लहू की हमारे
जो गर्मी रहेगी, यहां पर
उसे अपने खूं की, हर इक बूंद से है
उसी से है उबाला लगाना।

आये है हम तो, चले जायेगें भी
रह जायेगा ये तराना
कसम है तुम्हे कि हां बाद हमारे
तुम भी इसे गुनगुनाना।

http://rsnagie.blogspot.com

Share this article :

3 टिप्पणियाँ:

Minakshi Pant ने कहा…

अपना पता खुद से ही पूछती एक खुबसूरत रचना |
एक खुबसूरत अंदाज़ |

Saleem Khan ने कहा…

खुबसूरत अंदाज़!!!

आये है हम तो, चले जायेगें भी
रह जायेगा ये तराना
कसम है तुम्हे कि हां बाद हमारे
तुम भी इसे गुनगुनाना!!!!

Bisari Raahein ने कहा…

"कौन हैं हम और हैं आये कहाँ से, कहाँ है हमारा ठिकाना ." सुन्दर अभिव्यक्ति , अध्यातम की तरफ जाते भाव , अगर इन बातों को हम जान ले या जानने का प्रयास भी करने लगे तो बहुत सी बुराइयों एवं समस्याओं का हल खुद - ब- खुद हो जायेगा .

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.