उसने उधर देखा,
फिर इधर देखा,
सड़क पार कर गयी,
लम्बे-लम्बे क़दमों से,
दूर वो निकल गयी,
पर उसका वो अंदाज़,
आज भी जहन में है,
उसकी वो अदा,
याद आज भी है,
.
फिर इधर देखा,
सड़क पार कर गयी,
लम्बे-लम्बे क़दमों से,
दूर वो निकल गयी,
पर उसका वो अंदाज़,
आज भी जहन में है,
उसकी वो अदा,
याद आज भी है,
.
1 टिप्पणियाँ:
Kya baat kahi ...
बस एक अदा ही बहुत है,
दिल में उतर जाने के लिए,
तेरी एक हँसी भी ज्यादा है,
मेरा दिल ले जाने के लिए.
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