क्रिकेट का अर्थ - क्रीड काट - काटने का खेल - गला काट प्रतियोगिता
क्रिकेट के खेल का प्रारंभ सैनिकों की आरामगाह से हुआ : -
1. बालीबाल : - जब युद्ध समाप्त होता था तो एक पक्ष के सैनिक दूसरे पक्ष के सैनिकों की कटी हुई लाशों के सिरों के बाल पकड़कर एक-दुसरे के पास फेंकते थे उसी को यह लोग बालीबाल कहते थे |
2. फुटबाल :- उस सर को जब यह लोग अपने पैर के जूते से फोड़ते थे तो उसके फूटने पर उसे फुटबाल कहते थे | तभी तो आज भी लोग क्रोध में आने पर किसी को कहते हैं की तेरे सर को फूटबाल बनाकर खेलूँगा |
3. क्रिकेट :- उसी सिर को जब यह सैनिक अपने बदूक के बट से मारते थे तो उस बट का नाम आगे चल कर बैट पड़ गया | और जिस सिर के बाल पकड़ कर सैनिक लोग खेलते थे वह बाल नाम से प्रसिद्ध हो गयी | और जो पैर है वह पैड का परिचायक है पैड यानी पैर | पैर को संस्कृत में पद कहते हैं और पद को अंग्रेजी में पैड पड़ा जाता है | जब कोई बाल को नहीं मार पाता था तो वह विकट स्तिथि में आ जाता था उसको विकिट बोलते हैं | रन यानी रण का परिचायक है, क्यूंकि यह रण यानी युद्ध में मैदान में खेला जाता है |
4. गोटियाँ-कंचे :- जो उनकी ऑंखें होती थी वह भी निकाल कर उनसे गोटियाँ या हम जो कंचे खेलते हैं खेले जाते थे |
5. सरहद :- फिर उनके सिरों से ही तो हद बनाई जाती थी | यानी उनके सिरों को ही तो वह उसके राज्य को जीतकर सीमा में लटका देते थे | सिर हद यानी |
6. फिर उस कटे हुए सिर को बालों के पकड़ कर उछालते हैं और उस पर तीर या बन्दुक से निशाना लगाते हैं |
7. गुब्बारे :- फिर उसे दूर लटका देते हैं और फिर उस पर निशाना लगाते हैं | देखा नहीं है मेलों में रंग भरे हुए गुब्बारे पर न��शाना लगाते हैं | अब गुब्बारे प्रयोग में लाते हैं पहले तो कटे हुए सिर ही लटकाए जाते थे | और निशाना लगने पर जैसे गुब्बारे से रंग निकलता है तो उन सिरों में से खून निकलता था |
इस तरह से यह सैनिकों का खेल क्रिकेट, बालीबाल, फ़ुटबाल है | इसमें अमेरिका का खेल बेसबाल भी शामिल है | यह खेल बहुत ही क्रूर और हिंसात्मक होता है |
क्रीडा यह संस्कृत शब्द है | क्रीडा शब्द का ही अपभ्रंश क्रिकेट है | यानी जब क्रीडा की जाती है, किसी को काटने के लिए तो उसे क्रीड केट कहते हैं | और एक मुहावरा भी है की गला काट प्रितियोगिता है | तो जब गले को काटने की प्रतियो�����िता होती है, तो वही प्रतियोगिता तो क्रीड काट बनती है | और किसी भी मरे हुए सैनिक का गला ही तो काटा जाता है | क्यूंकि राजा कहता है की गला काट कर लाओ और इनाम पाओ |
मेरे ख्याल से तो सारे खेल ही इसी तरह इजाद हुए हैं | क्यूंकि हर खेल में बाल का तो इस्तेमाल होता ही है | बास्केटबाल, रग्बी, होकी, फूटबाल, बोलिबाल, टेनिस, यानी जहाँ पर भी बाल का उपयोग होता है खेल में वह सारे खेल कटे हुए सिर से ही खेले जाते थे | और अगर खेल में हिंसा न हो तो मज़ा नहीं आता है | जब खिलाडी खेलते हैं तो वह किस तरह हिंसात्मक होते हैं और एक-दुसरे के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं | वह हम आपको पता नहीं है | वह तो कोई खिलाडी ही बता सकता है | और हर खेल में हमेशा हिंसा ही होती है | गली मोहल्ले और कस्बों और जिलों के स्तर के खेल में तो हिंसा बहुत होती हैं | और यूरोप के फ़ुटबाल खेल की हिंसा तो जग प्रसिद्ध है | क्रिकेट में भी पहले बॉडी लाइन बोल्लिंग का �����लन था जो की हिंसात्मक था | और उसमे ही मज़ा आता था | बिना हिंसा के मज़ा किसको आता है | खेल से प्यार फैलता है की नफरत यह बात समझनी तो पड़ेगी | खेल हमेशा से नफरत फैलाता | खेल में हारने वाला हमेशा अगली बार में कैसे जीतुं इस बारे में ही योजना बनाता रहता है |
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