अनिवार्य हिन्दी कापी और कवि कौ जनमु दिन.....
( ब्रज भाषा )
कवि गोरखाधंधा जी के
जनमु दिना पे आयोजित गोष्ठी में ,
कविवर पांडे जी नै -
बडी सकुचाहट ते याद दिलायौ ;
अबहि छै महीना पहलै ही तौ ,
आपने आपुनि जनम दिना हतो मनायौ |
कवि जी सकपकाय गए , हडबड़ाये , फिरि-
मुसुकावत भये बोले-
पर भैया !, कवि तौ -
अखिल भारतीय कहिलाबै है ;
वाकौ तौ केन्द्र सरकार की नीतिन ते ही,
नातौ होबै है , और -
केन्द्रीय भाषा नीति तौ ,
द्विभाषी है ;
वा जनमु दिना तौ -
असल अंगरेजी आलेख हतो ,
ये तौ वाकी -
अनिवार्य हिन्दी कापी है ||
कवि गोरखाधंधा जी के
जनमु दिना पे आयोजित गोष्ठी में ,
कविवर पांडे जी नै -
बडी सकुचाहट ते याद दिलायौ ;
अबहि छै महीना पहलै ही तौ ,
आपने आपुनि जनम दिना हतो मनायौ |
कवि जी सकपकाय गए , हडबड़ाये , फिरि-
मुसुकावत भये बोले-
पर भैया !, कवि तौ -
अखिल भारतीय कहिलाबै है ;
वाकौ तौ केन्द्र सरकार की नीतिन ते ही,
नातौ होबै है , और -
केन्द्रीय भाषा नीति तौ ,
द्विभाषी है ;
वा जनमु दिना तौ -
असल अंगरेजी आलेख हतो ,
ये तौ वाकी -
अनिवार्य हिन्दी कापी है ||
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
Thanks for your valuable comment.