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अनिवार्य हिन्दी कापी और कवि कौ जनमु दिन.......कविता ..डा श्याम गुप्त ....

Written By shyam gupta on बुधवार, 14 सितंबर 2011 | 10:28 pm


अनिवार्य हिन्दी कापी और कवि कौ जनमु दिन.....    
        ( ब्रज भाषा )
कवि गोरखाधंधा जी के 
जनमु दिना पे आयोजित गोष्ठी में ,
कविवर  पांडे जी नै -
बडी सकुचाहट ते याद दिलायौ ;
  अबहि छै महीना पहलै ही तौ ,
आपने आपुनि जनम दिना हतो  मनायौ |
कवि जी सकपकाय गए , हडबड़ाये , फिरि-
मुसुकावत भये बोले-
पर भैया !, कवि तौ -
अखिल भारतीय कहिलाबै है ;
वाकौ तौ केन्द्र सरकार की नीतिन ते ही,
नातौ होबै है , और -
केन्द्रीय भाषा नीति तौ ,
द्विभाषी है ;
वा जनमु दिना तौ -
असल अंगरेजी आलेख हतो ,
ये तौ वाकी -
अनिवार्य हिन्दी कापी है ||
 
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