देश के सभी धर्मों की रीड उपवास का राजनीतिकरण कर उपहास उढ़ाया जाने लगा है .....एक गाँधी का उपवास ...एक अन्ना का उपवास और फिर कभी मोदी तो कभी बाघेला का उपवास और उपवास का इतना बढ़ा राजनीतिकरण इतना बढ़ा तमाशा ...........देश जानता है कभी पत्थर..कभी मिटटी .कभी पानी ...कभी गणेश जी का दूध ...कभी गोउ माता तो कभी क्या क्या सभी पर देश में सत्ता हथियाने की राजनीति होती रही है लेकिन पहली बार देश में उपवास का उपहास उढ़ाकर सरकारी खर्च पर राजनीति और फिर उसका विरोध करने के नाम पर कोंग्रेसियों का जवाबी उपवास तमाशा बन गया है ..........खेर जो भी हो नरेंद्र मोदी और उनके समर्थकों ने इस उपवास राजनीती में खुद को हिट कर लिया है पहले योजनाबद्ध तरीके से बुर्के वाली ओरतों तो टोपी वाले आदमियों को उपवास स्थल पर मंच पर बुलाया गया कोंग्रेस की तरह ही इन लोगों को शो पीस बनाया गया और जब देश के लोगों का सर चकराने लगा खुद शिव सेना खुद संघ के लोग इस पर एतराज़ जताने लगे तो एक कथित मोलाना से टोपी मंगवाकर उसे पहनने से इंकार कर वापस से अपनी छवि को बनाने का प्रयास किया है ..दोस्तों किसी भी राजनीति से धर्म का कोई रिश्ता नहीं है चाहे हिन्दू धर्मगुरु हो चाहे मुस्लिम या किसी भी धर्म का गुरु हो वोह ऐसे किसी भी राजनितिक स्टंट का हिस्सा बनता है तो वोह खुद धर्म के साथ विश्वासघात करता है और ऐसे सभी धर्मों से जुड़े कई धर्म गुरु करते रहे हैं धर्म के लोगन को उकसाया फिर सियासत में आये र्फिर राज्यसभा या महत्वपूर्ण पदों पर बेठ गए हैं ऐसे धोकेबाज़ धर्मगुरुओं की लम्बी लिस्ट है जिसे देख कर आपको मुझे सभी को शर्म आ जायेगी ....जी हाँ दोस्तों कोई भी आदमी जो मुस्लिम धर्म से जुड़ा होगा जो धर्म गुरु होगा वोह सियासत का खेल खेलने मंच पर जाकर नरेंद्र मोदी को टोपी भेंट नहीं करेगा और अगर किसी मोलाना मोलवी द्वारा ऐसा क्या जाता है तो खुद समझ लेना चाहिए के वोह प्रायोजित है या फिर मक्कार है जो खुद आगे रहकर किसी सियासी मंच पर किसी निजी लाभ कमाने के उद्देश्य से जा रहा है ...मोदी ने इस मक्कार मोलाना की टोपी लेकर खुद को हिट कर लिया लेकिन आए सवाल छोड़ दिया के धर्म के साथ खिलवाड़ कर सियासत करने वाले मोलाना या किसी भी धर्म गुरु के साथ केसा सुलूक किया जाये .यह मोलाना जो सियासत के मंच पर गया निश्चित तोर पर मजहब से दूर और मक्कारी से भरा होगा अगर यह टोपी कांड मोदी का प्रायोजित मीडिया की खबर बनाने के लियें नहीं किया गया है तो इस मोलाना के खिलाफ एक मोदी जो दुसरे धर्म का है उसे टोपी उढ़ाकर साम्प्रदायिक वातावरण पैदा कर मोदी की भावनाएं आहत करने के मामले में जेल भेजना चाहिए और आज नहीं तो कल ऐसे सियासत में घुसपेठ रखने वाले मोलाना और धर्मगुरुओं के साथ बर्ताव करना होगा ताकि देश गंदी राजनीति और धर्म की गंदी राजनीति से पाकसाफ रह सके .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
3 टिप्पणियाँ:
मोदी टोपी पहनते, क्या खो जाता तोर ??
सेक्युलर का काला हृदय, खिट-पिट करता और |
खिट-पिट करता और, उतरती उनकी टोपी |
वोट बैंक की नीत, बघेला बेहद कोपी |
कटते हिन्दू वोट, देख कर हरकत भोंदी |
घंटा बढ़ते और, समर्थक मुस्लिम मोदी ||
कट्टर हिन्दू-मुसल्मा, हैं औरन से नीक |
इंसानियत उसूल है, नहीं छोड़ते लीक |
नहीं छोड़ते लीक, नहीं थाली के बैगन |
लुढ़क गए उस ओर, जिधर जो जमते जन-गन |
मोदी तुझे सलाम, कहीं न तेरा टक्कर |
मूरत अस्वीकार, करे मुस्लिम भी कट्टर ||
पहन मुक़द्दस टोपियाँ, बड़ी-बड़ी सरकार |
लालू शरद मुलायमी, काँग्रेस - आधार |
काँग्रेस - आधार , पहन कर टोपी सुन्दर |
बेडा अपना पार, करें ये मस्त कलन्दर |
पर मौलाना सोच, बड़े ये भारी सरकस |
कितना की उपकार, टोपियाँ पहन मुक़द्दस |
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