कलयुग - यानी कला का युग, जिसके पास कला है, वही सफल है, कोई भी कला हो, कलयुग में कला ही काम आने वाली है, कलयुग में सब कलाकार हैं, यहाँ पर सब अपनी कला का प्रदर्शन करके पैसा और ख्याति प्राप्त करते हैं, तो यह जरूरी है की कोई-न-कोई कला हर कोई अपने में ढूडे और उस कला के माध्यम से अपना उद्धार करे, यही इस कलयुग में सफलता का मंत्र है |
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1 टिप्पणियाँ:
----'कलियुग' है कलयुग नहीं ....कल अर्थात यंत्रों ,मशीनों का युग तो कहा जा सकता है..कला का नहीं ..कला का कब -कौन सा युग नहीं रहा ????
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