कण्ठ इनका सुरीला है,
मिसरी की डली से गीला है,
माता सरस्वती का आशीर्वाद है इनको,
बड़े बुजुर्गों का साथ है इनको,
तालीम इनकी हुई है अच्छी,
मेहनत भी इन्होने की है सच्ची,
किसी रूह की खास पहचान होती है,
दिल साफ़, मीठी जुबान होती है,
इनको तो नाद की सिद्धि हुई है,
नाभि से उठकर, कण्ठ तक वृद्धि हुई है,
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2 टिप्पणियाँ:
बहुत ही अच्छी बात कही आपने ...बिना सरस्वती की कृपा के सुलिरा कंठ मिलना असंभव है
बहुत खूब लिखा है बधाई
आशा
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Thanks for your valuable comment.