कथित समाज सेवकों की मोका परस्ती देखिये के जिस अन्ना हजारे ने अरुणा राय के साथ मिलकर सुचना के अधिकार अधिनियम की लड़ाई लड़ी आज वही अरुणा राय अपनी जान और इज्ज़त के साथ खुद को पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के डर से अन्ना के खिलाफ कोंग्रेस की गोदी मैं जा बेठी हैं .......अरुणा रॉय ने अन्ना के खिलाफ सिर्फ इसलियें मोर्चा खोला है के कश्मीर में उनके बयान के खिलाफ कोंग्रेस ने जो मुकदमा दर्ज किया है और दिल्ली के अलावा कश्मीर पुलिस जिस मुकदमे की जांच कर रही है उसमे खुद को गिरफ्तारी से बचाने के लियें अरुणा राय ने कोंग्रेस से समझोता किया और अन्ना के जन्लोक्पाल बिल के खिलाफ एक नया लोकपाल बिल तय्यार कर आनन फानन में पेश कर एक नया विवाद खड़ा कर अन्ना को कमजोर करने की कोशिश की है लेकिन यह पब्लिक है सब जानती है इसलियें हजारों हजार लोगों के बीच जब कोंग्रेस के नेताओं द्वारा पत्रकारों को लिख कर दिए गए सवाल पूंछे जा रहे थे तो जनता कोंग्रेस की हर कुटिल चाल पर मुस्कुरा रही थी ..जनता अन्ना को कभी आर आर एस एस का समर्थन तो कभी अमेरिका का समर्थन होना बताती है तो कभी उन्हें डराती है तो कभी भ्रष्ट कहकर आहात करती है तो कभी उन्हें जेल भेज कर बाहर निकलने के लियें हाथ जोडती है .इतना ही नहीं कोंग्रेस के नेता अन्ना और उनकी टीम को संसद की अवमानना का डर बताकर दबाना चाहते हैं ..अन्ना का बिल को समर्थन और इधर स्टेंडिंग कमेटी का सुझाव मांगने का विज्ञापन , अरुणा राय का लोकपाल बिल यह दर्शाता है के सब कुछ कोंग्रेस हार की खीज पर कर रही है ,,, दो दिनों से कोंग्रेस के इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया में अनाप शनाप विज्ञापन और मीडिया का बदला रुख जो कोंग्रेस को फेवर और अन्ना के खिलाफ हो रहा है सभी लोग जानते है जो सवाल पत्रकार दाग रहे है वोह सब कोंग्रेस ने लिख कर दिए हैं लेकिन जनता जनार्दन थी .जनता जनार्दन है और जनता जनार्दन रहेगी ..अरुणा राय गद्दारी करे ..गिनती के पत्रकार बिकें या फिर कुछ भ्रष्ट नेता अन्ना को आरोपित करें कोई फर्क नहीं पढ़ता .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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