मागर फर्क
सिर्फ इतना है ॥
कुछ जख्म देते हैं
कुछ जख्म भरते हैं ।
हम सफ़र सभी हैं
लेकिन फर्क
सिर्फ इतना है
कुछ साथ देते हैं
कुछ साथ छोड़ जाते हैं ....
प्यार सभी करते हैं
लेकिन फर्क सिर्फ इतना है
कुछ जान देते हैं
कुछ जान ले लेते हैं ।
दोस्ती सभी करते हैं
लेकिन फर्क सिर्फ इतना है
कुछ लोग निभाते हैं
कुछ लोग आजमाते हैं
और कुछ लोग यूँही
मंझधार में छोड़ जाते हैं ......
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
4 टिप्पणियाँ:
कुछ लोग निभाते हैं
कुछ लोग आजमाते हैं
और कुछ लोग यूँही
मंझधार में छोड़ जाते हैं
बहुत सुंदर अभिब्यक्ति /ब्यंग करती हुई शानदार रचना /बधाई आपको /
please visit my blog.thanks.
www.prernaargal.blogspot.com
bahut achchi loagi......
और कुछ लोग यूँही
मंझधार में छोड़ जाते हैं ....
Sundar aur sarthak
और कुछ लोग यूँही
मंझधार में छोड़ जाते हैं ....
Sundar aur sarthak
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Thanks for your valuable comment.