कुत्ता है बेटा -कुत्ता
बड़े लोगों का कुत्ता
(photo with thanks from other source)
बाप ने नन्हे बच्चे को
समझाते हुए कहा
आँखें ढपी हैं ना
आँखें नहीं मिलाता
पर जानता है
पहचानता है
बड़े कुत्तों को !!
थानेदार ,यस पी को
नेता , सफ़ेद पोश को
दुम हिलाता है
घुसने देता है
मुंह कभी तो चाटता है
छोटे कुत्तों को छोटे जीव को !
डांटता है -खाने को दौड़ता है !!
ऐसे ही !!
मांस खाता है ,
खून पीता है ,
बिस्कुट और दूध भी ,
दर-दर भटकते हैं ,
माँ बाप मरते हैं ,
खाने को - पानी को
दोगला है -नस्ल बदली
किस्मत बदली
फिर छाएगी बदली
चल बेटा चल
पानी मिलेगा
आगे !!
धूप बड़ी तेज है
माथे पे पसीना है
धूप अब
भागे !!!
एक आँखों देखी घटना पर आधारित- एक भूखा प्यासा गरीब सा आदमी बच्चे के साथ चिलचिलाती धूप में जाता -प्यासा -किसी बड़े आलीशान भवन के आगे अहाते के पास सजी वाटिका में पानी देख प्यास बुझाने को आतुर होता है लेकिन बीच में एक बड़ा कुत्ता भौं भौं कर उसके प्यास बुझाने के इरादे को नाकामयाब कर देता है और बाकि वहां कोई चिड़िया भी दर्शन नहीं देती -
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५
4 टिप्पणियाँ:
बहुत सुंदर प्रस्तुति ..................धन्यवाद
to drd hai mere hindustaan mere bhaarat mhaan kaa . akhtar khan akela kota rajsthan
प्रिय तरुण भारतीय जी नमस्कार और धन्यवाद
आप इस समाज के दर्द में शामिल हुए मनोभावों को समझे और सराहे- हर्ष हुआ- काश सब इस को समझें और इस प्रजाति से सावधान और सजग रहें
अख्तर भाई सच कहा आप ने हम इस दर्द से इस कदर जकड़ें है की हमारी चेतना ही गायब होती जा रही हम मदहोश हो जा रहे और अब भी मेरा भारत महान गाते चले जा रहे न जाने कब इस महान का अर्थ स्पष्ट होगा ??
धन्यवाद आप का
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Thanks for your valuable comment.