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मेरी बिटिया जब आई तो

Written By Surendra shukla" Bhramar"5 on मंगलवार, 24 मई 2011 | 6:57 pm



मेरी बिटिया जब आई तो
kh baby-24.5.11-2
भोर हुआ इक नया सवेरा
मलयानिल जैसे पुरवाई !
मन महका शीतलता छाई !!
उमड़ घुमड़ घन छाये गरजे !
रिमझिम रिमझिम बादल बरसे !!
चहुँ दिशि में फैला उजियारा
मन मयूर अंगनाई नाचा !
बाप बना कोई-बना था चाचा !!
पास पडोसी जुट आये सब
थाल बजाये – गाये गाना
सोहर अवधपुरी का गाया !
मुंह मीठे मधु -रस घुल आया !!
दादा दादी फूल के कुप्पा !
लक्ष्मी शारद देते उपमा !!
दौड़ -दौड़ कर स्वागत करते
लक्ष्मी आज अंगनवा आई !
हहर हहर खुश उसकी माई !!
बहुरि गये दिन इस फुलवारी
P190511_06.43
फूल खिला अब इस अंगनाई
P190511_06.41
व्यथा रोग सब हर ले भाई





देवी का प्रतिरूप है बेटी
वरद हस्त ले कर गृह आई !!
भर देगी आंगन घर तेरा
शुभ-शुभ जगमग तेरा डेरा
मान करे तू गले लगाये !
जितना प्यार इसे कर पाए !!
अरे लुटा दे खुले हाथ तू
दुगुना तू जीवन में पाए !!
यही कल्पना यही किरण है
प्रतिभा ममता सब कुछ ये
ये गंगा है सीता है ये
यही शीतला यही भवानी
दुर्गा भी ये चंडी मान !
धरती है सुख धन की खान !!
चरण पकड़ चल दे संग इसके
जीवन तू पाए सम्मान !!
सब से बड़ा दान कन्या का
कर पाए जो बने महान !!
दिया जला- फैला – उजियारा
अँधियारा अब कोसों दूर
बेटा -बेटी कभी न करना
मन में कभी न ऐसी भूल !!
जगमग ज्योति जलाये चलना
चरण चढ़ा ले पग की धूल !!
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
२४.५.२०११ जल पी बी
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4 टिप्पणियाँ:

Unknown ने कहा…

देवी का प्रतिरूप है बेटी
वरद हस्त ले कर गृह आई !!
भर देगी आंगन घर तेरा
शुभ-शुभ जगमग तेरा डेरा
मान करे तू गले लगाये !
जितना प्यार इसे कर पाए !!
अरे लुटा दे खुले हाथ तू
दुगुना तू जीवन में पाए !!

khoobsoorti se utaree jhankee badhai

Shalini kaushik ने कहा…

beti ke janm par aisa ullas chha jaye to kya kahne .bahut khoob ....

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

आदरणीय कुश्वंश जी -नमस्कार -बेटी और हमारे देवी की प्रतिरूप के जनम की झांकी आप को प्यारी लगी सुन हर्ष हुआ -काश लोग बेटी के पैदा होने के समय ऐसे ही ख़ुशी मनाएं आनंद से झूमें नाचें पूरा घर मोहल्ला मन से साथ दे क्या बात हैं

आभार आप का प्रोत्साहन के लिए

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

शालिनी जी नमस्कार बहुत खूब सुन्दर आप के भाव -बेटी के जनम पर ऐसे ही उल्लास छाना जरुरी है सहृदय लोग झूमते नाचते हैं भी -जो जीवन को समझते हैं तभी वे आज प्रतिभा , ममता, किरण , शालिनी और शिखा के प्रखर तेज और समाज में योगदान के रूप में दीखते हैं

आभार आप का प्रोत्साहन के लिए

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५

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