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कितनों ने समझाया

Written By Brahmachari Prahladanand on बुधवार, 5 अक्तूबर 2011 | 9:32 am

कितनों ने समझाया,
कितनों का दिल जलाया,
समझ तब पाया,
हाथ जब जलाया,

ईधर देखने में,
उधर देखने में,
वक्त कितना गवाया,
तजुर्बा तब पाया,

जिन्दगी ने भगाया,
बहुत कुछ सिखाया,
कभी ईधर दौड़ाया,
कभी उधर भगाया,

भागते-भागते,
दौड़ते-दौड़ते,
वक्त आखरी आया,
आँख सबसे मिलाया,

हाथ खली न आया,
तजुर्बा है साथ लाया,
जो राह गुज़र आया,
वो राह दुबारा न आया,

                               ------- बेतखल्लुस




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