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उफ़ ये अदा, हो गए जिस पर फ़िदा,
न रहा गुमान, न रहा इमान,
ये जुल्फें ये नजरें ये होंठ ये अदा,न रहा गुमान, न रहा इमान,
ये चेहरा या खुदा या खुदा या खुदा,
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यह तन्हाईयाँ,
यह यादों में किसी की खोई हूँ,
जागी न सोई हूँ,
बस यादों में किसी की खोई हूँ,
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हुस्न का जलवा, तुमने बिखेरा है,
याद नहीं कहाँ, अपना बसेरा है,
अब डालें कहाँ, अपना डेरा है,याद नहीं कहाँ, अपना बसेरा है,
तुम्हारे दिल में अब बसेरा है,
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क्यूँ इतना सताती हो,
सब पर जुल्म ढाती हो,
खुबसूरत हो इतनी,
फिर क्यूँ इतना सवंकर आती हो,
क्यूँ इतना लजाती हो,
होश सबके उड़ाती हो,
मासूम हो इतनी,
फिर क्यूँ इतना नजाकत दिखाती हो,
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