उसने,
ये जिन्दगी,
हंसकर,
गुज़ार दी,
अहसास तक,
न होने दिया,
रोकर,
गुज़ार दी,
तन्हाई में,
अपनी,
किसी को,
न शामिल किया,
भरी भरकम,
जिन्दगी को,
अकेले ही,
उसने जिया,
मिलता था,
ख़ुशी से,
गले लगकर,
सभी से,
खिलता था,
चेहरा,
खिली-खिली,
हंसी से,
दिल के,
आंसुओं को,
आँखों की,
नमी,
न बनने दिया,
उन्ही से,
सींचकर,
नूर,
अपना,
है बनने दिया,
.
ये जिन्दगी,
हंसकर,
गुज़ार दी,
अहसास तक,
न होने दिया,
रोकर,
गुज़ार दी,
तन्हाई में,
अपनी,
किसी को,
न शामिल किया,
भरी भरकम,
जिन्दगी को,
अकेले ही,
उसने जिया,
मिलता था,
ख़ुशी से,
गले लगकर,
सभी से,
खिलता था,
चेहरा,
खिली-खिली,
हंसी से,
दिल के,
आंसुओं को,
आँखों की,
नमी,
न बनने दिया,
उन्ही से,
सींचकर,
नूर,
अपना,
है बनने दिया,
.
1 टिप्पणियाँ:
बहुत ही सुन्दर......
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Thanks for your valuable comment.