इन्तजार करना नहीं
अनुसरण का स्वभाव नहीं
कोई गिला शिकवा नहीं
कोई वादा भी नहीं
उपहास करना आदत नहीं
और सुनना भी नहीं
बहुत निराशा भी नहीं
ज्यादा आस भी नहीं
तब क्यों कुछ ठीक नहीं ?
बोझिल मन और भारी कदम है
लगता दिल में कोई गम है
कुछ तो हुआ है ?
जिंदगी ठहर सी गई है
उमंगें लुट सी गई हैं
गम होकर भी लगता ,
कोई गम नहीं
यही तो सबसे बड़ा गम है ,
कोई गम क्यों नहीं ?
अनुसरण का स्वभाव नहीं
कोई गिला शिकवा नहीं
कोई वादा भी नहीं
उपहास करना आदत नहीं
और सुनना भी नहीं
बहुत निराशा भी नहीं
ज्यादा आस भी नहीं
तब क्यों कुछ ठीक नहीं ?
बोझिल मन और भारी कदम है
लगता दिल में कोई गम है
कुछ तो हुआ है ?
जिंदगी ठहर सी गई है
उमंगें लुट सी गई हैं
गम होकर भी लगता ,
कोई गम नहीं
यही तो सबसे बड़ा गम है ,
कोई गम क्यों नहीं ?
1 टिप्पणियाँ:
khubsurat abhivaykti....
एक टिप्पणी भेजें
Thanks for your valuable comment.