नई दिल्ली. टीम अन्ना में टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण से मतभेद को लेकर कोर कमेटी के दो सदस्यों ने टीम अन्ना से अलग होने की इच्छा जताई है। पीवी राजगोपाल और राजेंद्र सिंह फैसले लेने में टीम के सभी सदस्यों की भागीदारी नहीं होने का आरोप लगाते हुए टीम अन्ना से अलग होना चाहते हैं।
इस वक्त केरल के आदिवासी इलाके में मौजूद पीवी राजगोपाल ने दैनिकभास्कर डॉट कॉम से फोन पर बातचीत में बताया कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर टीम अन्ना से अलग होने की इच्छा जाहिर की है। राजगोपाल ने कहा कि काफी समय से वो कोर कमेटी के निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पा रहे हैं इसलिए उन्हें कोर कमेटी से अलग होना ही बेहतर लग रहा है।
राजगोपाल ने यह भी कहा कि टीम अन्ना का विस्तार करके उसे टीम इंडिया बनाने का विचार था लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है, जिससे आंदोलन को काफी नुकसान हो रहा है और यह चंद लोगों के इर्द गिर्द सिमटकर रह गया है। योजना यह थी कि टीम का विस्तार करके इसमें देशभर के लोगों का प्रतिनिधित्व दिया जाएगा लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पा रहा है।
राजगोपाल ने यह भी कहा कि तेजी से बदल रहे घटनाक्रम में कोर कमेटी के कई सदस्य अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं और फिर लिए गए निर्णयों से खुद को जोड़ पाना मुश्किल हो रहा है। हिसार में कांग्रेस का विरोध करने का फैसला या कश्मीर को लेकर प्रशांत भूषण के दिए गए बयान पर टीम अन्ना की ओर से दिया गया बयान ऐसा ही मुद्दा था। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर उनकी राय टीम की राय से अलग है। राजगोपाल ने टीम अन्ना से अलग होने का मुख्य कारण टीम के निर्णयों में अपनी भागीदारी नहीं होना बताया।
अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में राजगोपाल ने कहा कि मेरी जनसत्याग्रह संवाद यात्रा केरल पहुंच गई है और 20 अक्टूबर को तमिलनाडू पहुंच जाएगी। दूर होने के कारण मेरे लिए आंदोलन की लगातार बदल रही गतिविधियों को समझ पाना और उनमें हिस्सा ले पाना मुश्किल हो रहा है। इसलिए मुझे कोर कमेटी की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाए। आपका भी मेरी यात्रा में स्वागत है।
टीम अन्ना से दूरी बनाने वाले कोर कमेटी के अन्य सदस्य राजेंद्र सिंह ने दैनिक भास्कर डॉट कॉम से कहा कि जिस प्रकार हिसार के चुनाव में अन्ना और उनके करीबियों ने अपनी भूमिका निभाई है, वह बड़ा दुखद है। एक तरफ तो यह आंदोलन लोकतंत्र बचाने की बात करता है और दूसरी ओर, खुद टीम में लोकतंत्र नहीं है। कोर कमेटी के सदस्यों को बिना बताए इन लोगों ने हिसार के चुनाव में अपनी भूमिका निभाई, जो कि एकदम गलत है। हमें इस बात की दुख है कि जिस आंदोलन से पूरा देश जुड़ा था, उससे हमें अलग होना पड़ा।
टीम अन्ना की प्रवक्ता का कहना है कि अभी हमे राजगोपाल या फिर राजेंद्र का कोई पत्र नहीं मिला है जब हमें पत्र मिलेगा हम इस पर तब ही प्रतिक्रिया देंगे। इस संबंध में टीम अन्ना की कोई बैठक भी अभी नहीं हो रही है। वहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कुछ दिनों से ऐसी खबर आ रही है कि टीम अन्ना के सदस्यों के बीच कुछ मतभेद हैं। ऐसा टीम के सदस्यों के बीच संवादहीनता के चलते हो रहा है जो कुछ दिनों में खत्म कर लिया जाएगा।
टीम अन्ना में टूट की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए किरण बेदी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पूरी तरह मुद्दे को समर्पित हैं, मुझे नहीं लगता कि किसी को उनसे शिकायत होगी। कोर कमेटी के कुछ सदस्यों की अपनी मजबूरियां हो सकती हैं। किरण बेदी ने यह भी कहा कि टीम अन्ना स्वयंसेवकों का समूह है जिसमें लोग अपनी मर्जी से आ जा सकते हैं। कांग्रेस की नेता रेणुका चौधरी ने टीम अन्ना में चल रही गतिविधियों पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि टीम अन्ना में इस वक्त क्या चल रहा है इसका पता तो खुद अन्ना को भी नहीं होगा।
टीम अन्ना में इससे पहले 'भीतरघात' करने के शक में स्वामी अग्निवेश को बाहर किया जा चुका है। संतोष हेगड़े भी लगातार टीम से अलग राय व्यक्त कर मतभेद के संकेत देते रहे हैं।
कश्मीर पर प्रशांत और केजरीवाल के बयान
‘सेना के दम पर कश्मीरियों को बहुत दिनों तक दबाव में रखना सही नहीं है। कश्मीर का भविष्य तय करने के लिए जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए।’- प्रशांत भूषण
‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन देश की एकता में यकीन रखता है। कश्मीर देश का हिस्सा है, लेकिन कश्मीर समस्या का समाधान संविधान के दायरे में शांतिपूर्ण ढंग से निकाला जाना चाहिए।’ - अरविंद केजरीवाल
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