भोपाल। एक साधु ने महिला पर तपस्या भंग करने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग में गुहार लगाई है। तीन दिन से आयोग में डेरा डाले साधु का कहना है कि जब तक महिला पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह यहां से नहीं हटेगा। इधर, आयोग पसोपेश में है कि इस मामले में आखिर वह क्या कार्रवाई करे?
गोरखनाथ संप्रदाय के भ्रमणकारी साधु सरजू महाराज ने आयोग में जून 2010 में शिकायत की थी कि जब वे महू (जिला इंदौर) के सिमरोल के हनुमान मंदिर में धूनी रमा कर बैठते थे, तब पंचायत में काम करने वाली महिला रमादेवी (बदला हुआ नाम) अक्सर वहां पहुंचकर ऊटपटांग हरकत करती थी। उन्होंने उसे कई बार समझाया, लेकिन उसने हरकत करनी बंद नहीं की।
उन्होंने इसकी शिकायत दंतौरा पंचायत में भी की, लेकिन पंचायत ने कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरजू महाराज ने शिकायत में कहा कि एक दिन वह महिला उनसे लिपट गई। इससे मेरी वर्षो की तपस्या भंग हो गई। महिला की इस हरकत से उसके धर्म के अधिकार का हनन हुआ है, उन्हें न्याय चाहिए। इस पर आयोग ने 28 जून को महू कलेक्टर को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए मामला नस्तीबद्ध कर दिया।
...नहीं तो कर लूंगा आत्महत्या
सरजू महाराज ने आयोग को धमकी दी है कि यदि उन्हें जल्दी न्याय नहीं मिला तो वे आत्महत्या कर लेंगे। उन्होंने बताया कि न्याय पाने के लिए भटकते हुए एक साल हो गया है। न पुलिस मदद कर रही है न जिला प्रशासन। आयोग के संयुक्तसंचालक (जनसंपर्क) रोहित मेहता का कहना है कि पुरुष का चरित्र भंग करने के आरोप का अपनी तरह का यह पहला मामला है। आयोग ने संबंधित जिले के कलेक्टर और एसपी को आवश्यक निर्देश देकर मामला नस्तीबद्ध कर दिया
बयान के लिए नहीं पहुंचे
महू के एडिशनल एसपी पद्म विलोचन शुक्ला ने बताया कि आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए सिमरोल थाने से मामले में जांच कराई गई थी। साधु को बयान के लिए बुलाया गया, लेकिन वे नहीं पहुंचे। वहीं दंतौरा गांव के पूनम चंद पटेल का कहना है कि महाराज गांव के हनुमान मंदिर में रहते हैं और धार्मिक गतिविधियां कराते रहते हैं। हमें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि वे गांववालों से किस बात से आहत हैं।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
Thanks for your valuable comment.