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अब वो मेरी जिन्दगी में

Written By Pappu Parihar Bundelkhandi on रविवार, 9 अक्टूबर 2011 | 8:44 am



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अब वो मेरी जिन्दगी में,
दुबारा आना चाहते हैं,
पर बात यह है कि,
मैंने दर बंद कर दिए हैं,

कैसे उनको बताऊँ,
दिल पर क्या बीती,
उनसे अल्हदा होकर,
जिन्दगी की जंग जीती,

अब वक्त मिला उन्हें,
मेरी तरफ-तारुफ़ होने का,
जब सारी जिन्दगी बीती गयी,
तब ख्याल आया साथ निभाने का,

अब किसी और की हो चुकी,
तुमसे अब बात बहुत हो चुकी,
अपना वक्त बहुत बेजाया कर चुकी,
तुमसे नज़र अब दूर हो चुकी,



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2 टिप्पणियाँ:

विभूति" ने कहा…

अब किसी और की हो चुकी,
तुमसे अब बात बहुत हो चुकी,
अपना वक्त बहुत बेजाया कर चुकी,
तुमसे नज़र अब दूर हो चुकी,....behtreen abhivaykti....

नीरज द्विवेदी ने कहा…

Jeevak ke sach aur insaan ki majburi ko bahut sundar shabdon me vyakt kiya.
My Blog: Life is Just a Life
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