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दीप जलें ..गज़ल .. डा श्याम गुप्त.....

Written By shyam gupta on सोमवार, 24 अक्टूबर 2011 | 6:14 pm

दीप  जलें सुख सम्पति आये |
खुशी से दामन भरता जाए |

नव उमंग उल्लास बसे मन,
जीवन महक महकताजाए |

आशा औ विश्वास का दीपक,
जगमग ज्योति जगाता  जाए |

हर्षित, दीपित तेरा तन-मन,
याद  हमें  भी  करता  जाए |

हर पल जीवन बगिया का ध्वज,
श्याम, लहर  लहराता  जाए ||

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5 टिप्पणियाँ:

रविकर ने कहा…

कृपा सहित आशीष का पावन
श्यामल-स्नेह भिगाता जाये ||

Atul Shrivastava ने कहा…

सुंदर रचना।
आपको और आपके परिवार को दीप पर्व की शुभकामनाएं....

विभूति" ने कहा…

बहुत ही सुन्दर... शुभ दिवाली...

Pallavi saxena ने कहा…

बहुत प्यारा संदेशमयी गीत हमारी और से भी आपको और आपके सम्पूर्ण परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें ...

shyam gupta ने कहा…

धन्यवाद, पल्लवी जी , सुषमा जी, अतुल व रविकर ....दीप पर्व की शुभ कामनाएं ..

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