भ्रष्टाचार समर्थकों का जूता तो देश में चलना ही था ................ यह एक सत्य है के देश में जो लोग भ्रष्टाचार के समर्थक है वोह खुद ईमानदार बनने का नाटक तो करते हैं लेकिन लोकपाल खासकर जान लोकपाल बिल के लियें रोड़े पर रोड़े खडा करना चाहते हैं ......अन्ना और अन्ना के समर्थकों ने पहले दिल्ली के मैदान में भ्रस्ताचारियों के पास सारी ताकतें होने के बाद भी उन्हें शह और मात का खेल खेला वहां भ्रष्टाचार समर्थकों ने अन्ना और अन्ना टीम का मनोबल तोड़ने का प्रयास किया पूरी सरकार ने देश का सारा साधन अन्ना और टीम को निपटाने में लगा दिया लेकिन सरकार के सामने जनमत के आगे घुटने टेकने के अलावा कोई चारा नहीं था हाँ सरकार अपने प्रभाव अपनी ताकत के बल पर स्वामी अग्निवेश और एक समाजसेविका को गद्दार बनाने और भ्रष्टाचार की समर्थक बनाने में कामयाब हो गयी ..इस बिल के खिलाफ जो बोला या तो वोह भ्रष्टाचार के मामले में जेल भुगत कर आया है या फिर अभी वोह खुद जेल में है जेसे के अमर सिंह ..येदियुरप्पा ..बाक़ी लोग जिनकी पार्टी के नेता चोर और बेईमान है और वोह भविष्य में भी देश को लूटना चाहते हैं यही लोग इस देश में जन्लोक्पाल बिल का वायदा कर भटकते रहे अन्ना को चोर कहा गया ..अमेरिका का एजेंट कहा गया फिर आर ऐसे एस का एजेंट कहा गया लेकिन जनता है के सब जानती है जब हिसार में दुर्गति हुई तो जन्लोक्पाल बिल के विरोधी भ्रष्टाचार के समर्थक अन्ना को खुली चुनोती सड़कों पर पीटने की देने लगे एक कोकस सक्रिय हुआ और उसी का नतीजा रहा के आज केजरीवाल पर उत्तर प्रदेश में हमला हुआ ..ताजुब है के भ्रष्टाचार समर्थक कोंग्रेस को अपने राज्यों में तबाह और बर्बाद करने वाले लोग अन्ना को लगातार धमकियां देते रहे और फिर उन्होंने यह हमला करवा ही दिया उन्होंने अन्ना की टीम के कुछ मोकापरस्त लोगों को खरीदा और अब वोह इसमें कामयाब भी हो गये है पहले अन्ना ..केजरीवाल ..किरण बेदी को नोटिस देकर डराया गया और यह सही है के अन्ना और अन्ना की टीम के लोग जन लोकपाल बिल के समर्थक तो हैं उन्हें जनता के मिले समर्थन से वोह पगला गये है लेकिन वोह कितने कायर और डरपोक है यह बात सारा देश जानता है और फिर भ्रष्टाचार के समर्थक लोग तो सामर्थ्यवान हैं वोह इन लोगों की हत्या भी करवा सकते हैं इनके चेहरों पर कालिख पुतवा सकते हैं इनके खिलाफ भ्रष्टाचार अय्याशी के झूंठे सबूत पेश कर सकते हैं और यह सब एक योजना के तहत जनता को भ्रष्टाचार से मुक्ति ना मिले इसलियें क्या जा रहा है .....आज उत्तर प्रदेश में केजरीवाल पर हमला यही साबित करता है के भ्रश्ताकाह्र समर्थक अब सडकों पर आ गये हैं और जो कोई भी भ्रष्टाचार के खिलाफ भ्रस्ताचार समर्थकों के खिलाफ बोलेगा उसका यही हाल होगा लेकिन दोस्तों अन्ना ..केजरीवा। प्रशांत ..किरण बेदी और सिसोदिया कमज़ोर कायर डरपोक हो सकते हैं अहिंसावादी होने की आड़ में अपना कायरपन छुपा सकते हैं लेकिन जब इस देश में भ्रष्टाचार के समर्थक कानून हाथ में ले सकते हैं भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने वालों को पीट सकते हैं डरा सकते हैं तो फिर चद्र शेखर और भगत सिंह भ्रस्थाचार विरोधी मुहीम में भी मोजूद है वोह ऐसे चोर मक्कार और मोका परस्त लोगों को खुद कानून हाथ में लेकर ना अदालत .ना पेशी ना सुनवाई सीधा फेसला की तर्ज़ पर अपने फेसले ले सकते हैं और अगर ऐसा हुआ तो देश में भ्रस्ताचारियों और उनके समर्थकों तथा भ्रष्टाचार विरोधी महीम में लगे लोगों के बीच गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो जायेगी जो इस देश के लियें एक अच्छी शुरुआत तो हो सकती है लेकिन इस देश की सुक्ख शान्ति के लियें कोई ठीक बात नहीं होगी .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
1 टिप्पणियाँ:
बूता है तो आइये, कर लें दो-दो हाथ |
छापामारी कला का, लेते हो क्यूँ साथ ?
लेते हो क्यूँ साथ, पोल-पट्टी सब खुलती |
हमला करके आज, करी है भैया गलती |
कहे केजरीवाल, माफ़ है तेरा जूता |
भ्रष्टाचारी लोग, सामने आ गर बूता ||
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