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वो हमसाया बनकर

Written By Pappu Parihar Bundelkhandi on रविवार, 9 अक्टूबर 2011 | 8:42 am


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वो हमसाया बनकर,
मेरे करीब आया,
करीब आकर,
मेरा मन बहलाया,

मन बहलाकर,
मुझे हंसाया,
मुझे हंसाकार,
उसने पटाया,

मुझे पटाकर,
सपना दिखया,
सपना दिखाकर,
दिल लगाया,

दिल लगाकर,
अपना बनाया,
अपना बनाकर,
दूर लाया,

दूर लाकर,
छोड़ आया,
फिर छोड़कर,
लेने न आया,

न आकर,
किस-किस की बनवाया,
रोज़ बनवाकर,
न जाने कितना रुलाया,


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2 टिप्पणियाँ:

विभूति" ने कहा…

वो हमसाया बनकर,
मेरे करीब आया,
करीब आकर,
मेरा मन बहलाया,acchi panktiya....

नीरज द्विवेदी ने कहा…

mujhe to lagta hai bahut hi sundar aur sarthak vyangy kiya hai aapne hamare sammaj me kuch neech loon dvara hone wali ek sharmnaak harkat ke liye.
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