यूनिवर्सिटी या कॉलेज में सहायक प्रोफ़ेसर पोस्ट पर अपॉइंट होना किसी भी शख़्स के लिए गर्व की बात है, लेकिन इसके लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं, मेहनत करनी पड़ती है और बहुत समय लगाना पड़ता है। लेक्चरर बनने के लिए नैशनल एलिजिबिलटी टेस्ट (नेट) क्वालिफाई करना पड़ता है। यह टेस्ट उन पोस्ट गैजुएट उम्मीदवारों के लिए आयोजित किया जाता है, जो यूनिवर्सिटी लेवल पर टीचिंग की जॉब से जुड़ना चाहते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इस एग़्जाम को आयोजित करता है। इसमें कामयाब होने वाले उम्मीदवारों को उनके मनपसंद प्रफेशन में एंट्री मिल जाती है। यूजीसी नेट की परीक्षा स्टूडेंट कला संवर्ग के विषयों (भाषाओं समेत), सामाजिक विज्ञान, फॉरेंसिक साइंस, पर्यावरण विज्ञान, कंप्यूटर साइंस एंड अप्लीकेशंस और इलेक्ट्रॉनिक साइंस जैसे विषयों में दे सकता है।
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) साइंस सब्जेक्ट्स के लिए यूजीसी के साथ मिलकर नेट की परीक्षा आयोजित करती है। पोस्ट ग्रैजुएशन में 55 फीसदी नंबर हासिल करने वाले स्टूडेंट नेट का एग़्जाम दे सकते हैं। पीएचडी करते समय स्टूडेंट्स की शैक्षिक और आर्थिक जरूरतों की पूर्ति के लिए यूजीसी जूनियर रिसर्च फैलोशिप देती है, लेकिन इसके लिए भी नेट का एग़्जाम क्वालिफाई करना जरूरी है। इसकी कुछ शर्त भी है। नेट की परीक्षा में अव्वल आने वाले स्टूडेंट्स को जूनियर रिसर्च फैलोशिप दी जाती है, लेकिन यह सुविधा उन्हीं स्टूडेंट्स को दी जाती है, जो अपने फॉर्म में इसके लिए अलग से आवेदन करते हैं।
जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए पहला एग़्जाम 1984 में लिया गया था। सरकार ने 22 जुलाई 1988 की अधिसूचना से इस एग्जाम को कंडक्ट करने की जिम्मेदारी यूजीसी को सौंप दी। यूजीसी ने पहला एग़्जाम दो भागों में लिया। इसमें पहली परीक्षा दिसंबर 1989 में ली गई और दूसरा एग्जाम मार्च 1990 में लिया गया। नेट का एग़्जाम देने वाले स्टूडेंट्स को अप्लीकेशन फॉर्म में यह साफ-साफ जिक्र करना पड़ता है कि वह लेक्चररशिप की योग्यता के लिए परीक्षा देना चाहते हैं और जूनियर रिसर्च फैलोशिप भी हासिल करना चाहते हैं।
साल में दो बार एग़्जाम..
नेट की परीक्षा साल में दो बार जून और दिसंबर में होती है। इसके लिए रोजगार समाचार में मार्च और सितंबर में विज्ञापन प्रकाशित किया जाता है। जून में होने वाली परीक्षा के नतीजे अक्टूबर में घोषित किए जाते हैं। दिसंबर में होने वाली परीक्षा के परिणाम अप्रैल में आ जाते हैं। रिजल्ट्स रोजगार समाचार में प्रकाशित किए जाते हैं और इन्हें यूजीसी की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है।
यह भी देखा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर नेट की परीक्षा से स्थानीय विषयों के साथ न्याय नहीं हो पाता, इसीलिए उम्मीदवारों की ओर से अपनी मातृभाषा में नेट की परीक्षा देने की मांग उठाई गई। इसके लिए राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों को लेक्चररशिप की योग्यता के लिए अलग से टेस्ट लेने की अनुमति दी गई। यहीं से स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट)की अवधारणा का जन्म हुआ। उम्मीदवार इस परीक्षा को अंग्रेजी या अपनी मातृभाषा में दे सकते हैं। नेट की परीक्षा में सफल होने पर भी उम्मीदवारों को नौकरी मिलने में एक-दो साल लग जाते हैं। कुछ भाग्यशाली उम्मीदवारों की नौकरी इससे पहले भी लग सकती है। नेट परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए पोस्ट ग्रैजुएशन में 55 फीसदी अंक ज़रूरी है।
छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद पद के साथ-साथसैलरी भी काफी हो गई है। यही कारण है कि यूजीसी परीक्षा में काफी संख्या में स्टूडेंट्स बैठने लगे हैं। इसमें सफलता उन्हीं स्टूडेंट्स के हाथ लगती है, जो काफी कठिन मेहनत करने के साथ ही व्यावहारिकसोच भी रखते हैं। यदि आप भी इस परीक्षा के लिए आवेदन कर चुके हैं और इसकी तैयारी में जुटे हैं, तोहम आपके लिए कुछ खास स्ट्रेटेजी बता रहे हैं, जिससे आप बेहतर तैयारी करने में सफल हो सकें।सबसे पहले अपना टारगेट फिक्स करें। क्वालिफाइंग पेपर के लिए पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन तथासमसामयिक मुद्दों व घटनाओं से संबंधित तथ्यों का संकलन क्वालीफाइंग की शर्त को आसान बनासकता है।
==> इसके लिए चार सौ अंकों की लिखित परीक्षा दो चरणों में होगी। इसमें तीनप्रश्नपत्र होंगे...
- पहला प्रश्नपत्र सामान्य स्तर का होगा। इस पेपर का मुख्य उद्देश्य परीक्षार्थी की शिक्षण एवंशोध क्षमता की जानकारी करना है। इसके अंतर्गत रीजनिंग एबिलिटी, कॉम्प्रिहेंसन,डाइवरजेंट थिंकिंग ऐंड जनरल अवेयरनेस से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। यह पेपर सभीअभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य होगा तथा इसके लिए सौ अंक तथा सवा घंटा निर्धारित है।आपके लिए जरूरी है कि तैयारी के समय ही उसके महत्व के अनुसार पढाई करें। इसकेलिए यदि आप अभी से सिर्फ एक घंटा का अभ्यास करते हैं, तो इस विषय की तैयारी केलिए काफी है। आपके लिए जरूरी है कि आप अभी इस पर अमल करना शुरू कर दें।इस खण्ड के प्रश्न मुख्य रूप से छात्रों की बौद्धिक क्षमता एवं सामाजिक अनुप्रयोग पर आधारित होते हैं। इसमें कुल 60 प्रश्न दिए जाते हैं, जिनमें से छात्रों को केवल 50 प्रश्न हल करने होते हैं। कुल 100 अंक तथा सवा घंटे के इस प्रश्नपत्र में प्रश्न न्यूमेरिकल एबिलिटी, कम्प्यूटर, टीचिंग एबिलिटी, रीजनिंग, रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, रिसर्च एप्टीटय़ूड, हायर एजुकेशन सिस्टम तथा आईटी पर आते हैं। हालांकि इसके अंक मेरिट में नहीं जुड़ते, फिर भी इसे उत्तीर्ण करना आवश्यक है।
- द्वितीय प्रश्नपत्र में अभ्यर्थी द्वारा चुने गए विषय से संबंधित 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होते हैं। इसकेलिए भी सौ अंक तथा समय सवा घंटा है। आप संबंधित पुस्तकों से विषय से संबंधितप्रश्नों की तैयारी के लिए समय भी निर्धारित कर लें यह खण्ड चुने हुए विषयों पर आधारित होता है। इसमें पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या 50, अंक 100 तथा समय सवा घंटे का होता है। इसमें खास बात यही होती है कि इसके अंक मेरिट में जोड़े जाते हैं।..
=> तीसरा और दूसरा प्रश्नपत्र काफी अहम होता है और इसी विषय में परफॉरमेंस केआधार पर आपका चयन काफी हद तक निर्धारित होता है।
- तीसरा प्रश्नपत्र अभ्यर्थी द्वारा चुने गए विषय से संबंधित होता है, जिसके प्रश्न डिस्क्रिप्टिवटाइप के होंगे। इसके लिए कुल दो सौ अंक तथा ढाई घंटे रखे गए हैं। मेधा सूची निर्धारितकरने वाले पेपर-दो की तैयारी के लिए संपूर्ण सिलेबस का अध्ययन आवश्यक है। साथ ही,इसकी तैयारी के सिलेबस के अनुसार वन लाइनर तथ्यात्मक नोट्स बनाना सफलता केकाफी करीब पहुंचा सकता है। किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको सौफीसदी प्रदर्शन करना ही होगा। यदि आप भी इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं,तो अभी से बनाई गई योजना को पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाएं। आप इसबीच पिछले पांच वर्षो के प्रश्नों को देखकर यह अंदाजा लगाकर वस्तुनिष्ठ और डिसक्रिप्टिवउत्तर लिखने का अभ्यास कर सकते हैं। इसके साथ ही इस विषय में आपकी भाषा शैलीऔर लिखने का स्टाइल देखा जाता है। आपके लिए बेहतर होगा कि आप आदर्श उत्तरलिखने का अभ्यास करें। आप संबंधित विषय से संभावित प्रश्नों की एक सूची भी बनासकते हैं। इस तरह की सूची बनाने में पिछले दस वर्षो के प्रश्नों का अध्ययन काफी लाभपहुंचा सकता है। नेट के तीसरे पेपर के सभी सेक्शन में प्रश्रों के उत्तर की शब्द सीमा घटाई बढ़ाई गई है। अंकों का भी नए सिरे से निर्धारण किया गया है। तीसरे पेपर में अब 26 की जगह 19 प्रश्न ही आएंगे।— तीसरे पेपर का सेक्शन एक निंबधात्मक प्रश्रों का होता है। इसमें पहले एक प्रश्र एक हजार शब्द के उत्तर वाला पूूछा जाता था। अब दो प्रश्र पूछे जाएंगे जिनकी शब्द सीमा 500—500 होगी।— विश्लेषणात्मक प्रश्रों के दूसरे सेक्शन में पहले 5 प्रश्र पूछे जाते थे। अब 3 प्रश्र पूछे जाएंगे। शब्द सीमा 200 के स्थान पर 300 हो गई है। प्रति प्रश्र अंक 12 से बढ़ाकर 15 किए गए हैं।— लघुत्तरीय प्रश्रों के सेक्शन तीन में 15 के स्थान पर अब 9 प्रश्र पूछे जाएंगे। शब्द सीमा 30 से बढ़ाकर 50 कर दी गई है। प्रति प्रश्र अंक 5 से बढ़ाकर 10 कर दिए गए हैं।
- आप क्रिटिकल और एनालिटिकल उत्तर लिखेंगे, तो अच्छे मार्क्स प्राप्त कर सकते हैं। यहतभी संभव हो पाएगा, जब आप इस तरह के उत्तर लिखने का अभ्यास करेंगे।
- इस परीक्षा में 50 शब्दों के उत्तरों की संख्या अधिक होती है। इस कारण यह स्कोरिंग मानाजाता है। आप निर्धारित समय-सीमा के अंदर प्रश्नों को लिखने का खूब अभ्यास कर सकतेहैं। अच्छे अंक तभी प्राप्त कर सकते हैं, जब आपका उत्तर साफ और सही हो।
- विशेषज्ञों का मानना है कि कोई भी एग्जामनर सभी प्रश्नों का उत्तर नहीं पढता है, लेकिनसभी प्रश्नों के उत्तर का इंट्रोडक्शन और अंत में मूल्यांकन अवश्य देखता है। यदि आपइंट्रोडक्शन में ही उत्तर से संबंधित महत्वपूर्ण टॉपिक्स लिखते हैं और अंत में उसका सारांशकम शब्दों में बेहतर तरीके से लिखने में सफल होते हैं, तो आप परीक्षा में बेहतर करसकते हैं।
- यह परीक्षा क्वालिफाइंग नेचर के साथ-साथ हाईस्कोरिंग भी है। अत: इसमें बेहतर तैयारी से ही सफलता हासिल हो सकती है।
- पूरे सिलेबस का इत्मीनान से अध्ययन शुरू करें। कोशिश करें कि हर टॉपिक टच में आ जाए।
- तैयारी को सिलेबस एवं तैयारी के हिसाब से बांट लें तथा इसी को आधार बनाकर अध्ययन करें। सभी विषयों को बराबर महत्त्व दें।
- उत्तर देने के तरीकों को प्रभावी बनाएं तथा यह न भूलें कि आपको औरों से कहीं ज्यादा बेहतर करना है।
- प्रथम एवं द्वितीय प्रश्नपत्र से निगेटिव मार्किंग खत्म हो गई है, इसलिए छात्र कोशिश करें कि कोई प्रश्न छूटने न पाए।
- तैयारी को लेकर हतोत्साहित न हों, परीक्षा साल भर में दो बार आयोजित होती है। दिसंबर न सही, जून में भी मौका मिलेगा।
- सीरियल ऑर्डर में दें उत्तर: ए संभव हो तो प्रश्नों का उत्तर सीरियल ऑर्डर में देना चाहिए।। ऐसे में जितना संभव हो, सीरियल ऑर्डर फॉलो करना चाहिए।
फॉलो करें प्वाइंट फॉर्म: जवाब लिखते समय ध्यान देना चाहिए कि वे प्वाइंट फॉर्म पर विशेष फोकस रखें। इससे जवाब का भी तारतम्य बैठता है जो काफी प्रभावी साबित होता है। इसका लाभ मिलता है। इसके साथ ही सुंदर हैंडराइटिंग रही-सही कसर पूरी करता है।
मुख्य बिन्दुओं को हाइलाइट करें : उत्तरपुस्तिका में मुख्य बिन्दुओं को हाईलाइट करना बेहतर होता है। जवाब लिखते समय अगर संभव हो तो पेंसिल से अंडरलाइन भी कर सकते हैं।
ज्यादा कांट-छांट न करें : जवाब देते समय इस बात का ध्यान रखें कि ओवरराइटिंग न हो। उत्तर पुस्तिका में जयादा कांट-छांट भी परीक्षक पर गलत प्रभाव छोड़ती है। इससे जितना ज्यादा बचेंगे, बेहतर होगा।
सबसे अहम और आम : बात है कि प्रश्न पत्र को 10 मिनट पहले खत्म कर लें। अंत में जो 10 मिनट मिलेंगे, वह बेहद अनमोल साबित हो सकते हैं। दोहराने के दौरान कई बार ऐसी छोटी गलतियां पकड़ में आ जाती हैं, जो कि बड़ी समस्या कर सकती है। ऐसे में उसे सुधारने का मौका मिल जाता है। इसके साथ कोई अगर सवाल अनुत्तरित रह जाता है तो उसका जवाब देने का भी मौका मिल जाता है....
तैयारी में उपयोगी पत्र-पत्रिकाओं की एक संक्षिप्त सूची...
समाचार पत्र:-
The Hindu
दैनिक जागरण/हिंदुस्तान/दैनिक भास्कर/अमर उजाला ( कोई एक )
पत्रिकाएं:- ( कोई दो )
प्रतियोगिता दर्पण
चाणक्या सिविल सर्विसेज टूडे
सिविल सर्विसेज क्रोनिकल
सिविल सर्विसेज टुडे
CSR (हिन्दी या अंग्रेजी)
अरिहंत समसामयिकी महासागर
पनोरमा समसामयिकी
अन्य पत्रिकाएं:- (ऐच्छिक)
विज्ञान प्रगति
योजना
कुरुक्षेत्र
अहा, जिंदगी! (निबंध एवं सकारात्मक चिंतन हेतु)
Frontline (ऐच्छिक)/इंडिया टुडे/आउटलुक/शुक्रवार के विशिष्ट अंक
सन्दर्भ पत्रिकाएं:- (ऐच्छिक)
मनोरमा ईयर बुक
भारत (ईयर बुक)
यूनिक सामान्य ज्ञान
Question Bank (UPSC: 1988-2008) with answer
देखें और सुनें -----
DD न्यूज़
बी बी सी लन्दन रेडिओ
नेट की तैयारी हेतु राजनीति विज्ञान विषय की पुस्तकों और पत्रिकाओं की सूची...
प्रथम /द्वितीय /तृतीय प्रश्न पत्र की वर्क बुक - यूनिक / साहित्य भवन/ क्रानिकल /अन्य कोई न्यू दिल्ली से प्रकाशित
द्वितीय /तृतीय प्रश्न हेतु ...
विवेचनात्मक राजनीती विज्ञानं कोष -ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
राजनीती सिधांत कोष- ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
राजनीती विचारक कोष - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
राजनीतिक सिद्धांत की रुपरेखा - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
तुलनात्मक राजनीति की रुपरेखा - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
लोकप्रशासन - अवस्थी एंड महेश्वरी/ रुमकी बसू / मोहित भट्टाचार्य
भारतीय प्रशासन एवं राजनीति (राज्यों की राजनीति सहित) - बी एल फाडिया - प्रतियोगिता साहित्य
संविधान/ भारतीय राजव्यवस्था - डी डी बासु/ सुभाष कश्यप/जे० एन० पाण्डेय / एस0 एम0 सईद
संसद - सुभाष कश्यप
राजनीति विज्ञान - NCERT - XI, XII
राजनीतिक चिंतन की रुपरेखा - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति (सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक पक्ष)- बी एल फाडिया - प्रतियोगिता साहित्य
भारत की विदेश नीति -जे० एन० दिक्सित
अंतर्राष्ट्रीय संगठन - पुष्पेश पन्त-
२१ वीं शताब्दी में अन्तर सम्बन्ध - पुष्पेश पन्त
The Hindu से अन्तर सम्बन्ध पर नोट्स
Frontline से नोट्स
IGNOU political science book of BA & MA
सिविल सेवा के लिए निकलनेवाली स्तरीय पत्रिकाओं के अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध विशेषांक
===> ऑनलाइन आवेदन एवं सिलेबस के लिए यूजीसी की वेबसाइट www.ugc.ac.in विजिट करें।
स्रोत - दैनिक जागरण/हिंदुस्तान/दैनिक भास्कर/अमर उजाला/ www.ugc.ac.इन/ थिंक टंक आदि
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
Thanks for your valuable comment.