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तय हुए क्वार्टर फाइनल मुकाबले ----- दिलबाग विर्क

Written By दिलबागसिंह विर्क on सोमवार, 21 मार्च 2011 | 3:09 pm

लगभग महीने भर चला विश्व कप का प्रथम राउंड समाप्त हो गया है . जिन टीमों के क्वार्टर फाइनल में खेलने की संभावना थी वही आठ टीमें दूसरे राउंड में पहुंची हैं . इस दृष्टिकोण से देंखें तो यह महीने भर की कसरत कोई विशेष असर नहीं छोड़ पाई , लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि इस दौरान कई रोमांचक मैच देखने को मिले , ग्रुप " बी " में इंग्लैण्ड के प्रदर्शन ने थोडा रोमांच पैदा किया लेकिन आखिर में वह संभलने में कामयाब रही . वेस्ट इंडीज की टीम भी रन औसत से ही दूसरे दौर में पहुंची . बंगलादेश का वेस्ट इंडीज के हाथों बुरी तरह हारना उन्हें भारी पड़ा . अगर उस मैच में वे अच्छा प्रदर्शन कर पाते तो शायद वे भी दूसरे दौर के दावेदार होते .
            अब विश्व कप का नॉक आउट दौर शुरू हो चुका है , गलती करके संभलने की कोई गुंजाइश अब शेष नहीं है .क्वार्टर फाइनल मुकाबलों में द.अफ्रीका का मुकाबला न्यूज़ीलैंड से , भारत का आस्ट्रेलिया से , इंग्लैण्ड का श्रीलंका से और वेस्टइंडीज का पाकिस्तान से होगा . ये सभी टीमें अपने दिन किसी भी टीम पर भारी पड़ सकती हैं , ऐसे में भविष्यवाणी की कोई संभावना नहीं है . यहाँ तक भारत का सवाल है उसका मुकाबला पिछले तीन विश्व कप की विजेता और नं . 1 टीम से है . 2003 के विश्व कप के फाइनल में भारत आस्ट्रेलिया से मात खा चुका है . पाकिस्तान के हाथों लीग चरण के अंतिम मैच में हारने के कारण वह घायल शेर की तरह है , ऐसे में भारत को विशेष सावधानी की जरूरत है . उधर भारत की समस्या गेंदबाज़ी तो है ही , अंतिम ओवरों में टीम का ताश के पत्तों की तरह बिखरना भी है . टीम के लिए एकमात्र अच्छी खबर यही है कि उपरी क्रम के पहले पाँचों बल्लेबाज़ रंग में हैं . नॉक आउट दौर में इन पाँचों को टीम की नैया पार लगानी होगी  . युसूफ और धोनी को भी अपनी बल्लेबाज़ी पर काम करना चाहिए , हरभजन और जहीर भी बल्ले से पूरी तरह नाकाम रहे हैं , यदि इन्हें बल्लेबाज़ी के लिए उतरना पड़ता है तो इन्हें इस तरीके से खेलना होगा कि टीम अपने पूरे ओवर खेल सके . द.अफ्रीका और वेस्ट इंडीज के खिलाफ टीम अपने ओवर नहीं खेल पाई . नॉक आउट चरण में इस गलती से बचना होगा . गेंदबाज़ी में अश्विन अच्छा विकल्प हो सकते हैं . मोटेरा में भारतीय टीम जोहान्सबर्ग का बदला ले पाएगी , ऐसी उम्मीद क्रिकेट प्रेमियों को है , देखना है क्या भारतीय टीम इस उम्मीद पर खरा उतर पाएगी ?

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