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Written By आपका अख्तर खान अकेला on रविवार, 27 मार्च 2011 | 7:55 am

महिला को छेड़ छाड़ के आरोपी को पकड़वाने के लियें टंकी पर चढना पढ़ा

दोस्तों यह मेरा भारत महान यह मेरा प्यारा हिन्दुस्तान जहाँ महिलाओं की पूजा होती हे जहाँ महिलाओं को राजनितिक आरक्षण और मान सम्मान की बात होती हे , जी हाँ दोस्तों मेरे इस देश में राजस्थान की  विपक्ष की नेता वसुंधरा सिंधिया हे ,राजस्थान की संसद गिरजा व्यास महिला आयोग की अध्यक्ष हें यहाँ देश के संचालन का रिमोट सोनिया गाँधी के पास हे तो लोकसभा की अध्यक्षता श्रीमती मीरा कुमार सम्भाल रही हें इसी देश में राजस्थान के एक छोटे जिले बूंदी के गाँव झालाजी का बराना में उसके साथ छेड़ छाड़ करने वालों की गिरफ्तारी  की मांग को लेकर मजबूरी में पानी की टंकी पर चढना पढ़ा हे अब छेड़ छाड़ वाले तो गिरफ्तार नहीं हुए लेकिन महिला जरुर गिरफ्तार हे . 
दोस्तों यह नंगा सच पुलिस की ढिलाई कठोर विचारधारा वाले कुर्सी के गुलाम नेताओं और चरित्रहीन कार्यकर्ताओं को चाहे मामूली सी बात लगे . जो धर्म गुरु बेईमानी के धन से अपने आश्रम मदरसे चलाते हों उनके लियें यह घटना छोटी हे जो कलमकार चंद नोटों के खातिर अपनी कलम को वेश्या के दरबार की तरह से अधिकारीयों और नेताओं के तबले की थाप पर चलाते हों उनके लिए यह घटना एक मजाक हो लेकिन जहां एक महिला द्रोपदी का अपमान करने पर महाभारत रची जाती हो वहां एक महिला के साथ छेड़खानी करने वाले अगर रिपोर्ट करने पर भी पुलिस द्वारा काफी दिनों तक पकड़े नहीं जाएँ और पुलिस व् आरोपी महिला को धमकाएं तो महिला के पास आत्म हत्या के सिवा और दुसरा कोनसा चारा बच जाता हे .
बस इसीलियें राजस्थान में बूंदी जिले के झालानी का बराना गाँव की एक विवाहिता श्रीमती संतोष कहार पत्नी रामभरोस आयु २५ वर्ष  अपने छ साल के बच्चे को रोता बिलखता छोड़ कर ४० फिट ऊँची टंकी पर चढ़ गयी और तेल छिड़क कर आग लगाने का प्रयास करने लगी उसकी माग थी के उसके पड़ोसी हनुमान और रामप्रसाद उसके साथ छेड़ खानी करते हें और पुलिस में शिकायत करने पर पुलिस उनके खिलाफ कार्यवाही नही करती और इस कारण इनके होसले और बुलंद हो गये हें वोह चीखती रही चिल्लाती रही लेकिन अपराधियों को पकड़ा ना गया केवल उनके खिलाफ निष्पक्ष कार्यवाही का एक कोरा आश्वासन इस महिला को मिला महिला को बच्चे का वास्ता देकर नीचे उतारा गया और महिला की मांग के मुताबिक छेड़खानी करने वाले तो पकड़े नहीं गये लेकिन बेचारी इन्साफ की तलाश में निकली यह महिला आत्महत्या के प्रयास में पकड़ी गयी दोस्तों क्या यही कानून हे क्या यही इन्साफ हे , 
मेरा येह राजस्थान यहाँ पटरियों पर महीनों डकेतों की तरह गुर्जरों का कब्जा होता हे ,यहाँ जाट पटरियों पर कब्जा करते हें महिलाओं ,बच्चो सरपंचों पर लाठियां भांजी जाती हे विधायक एक पुत्र की सुपारी लेकर हत्या होती हे चोकी में बलात्कार के बाद महिला सिपाही की हत्या फिर चोकी में सिपाही की हत्या और फिर यहाँ एक महिला की निर्मम हत्या के बाद उसके आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता एक रिश्तेदार आत्मदाह करता हे पुलिस के सामने एक इन्स्पेक्टर फुल मोहम्मद के हाथ पाँव काट कर जिंदा जला दिया जाता हे कोई गिरफ्तार नहीं होता किसी का इस्तीफा नहीं होता विधायक आरोप लगाते हें सी बी आई जाँच नहीं होती तो फिर जनाब बताओ कानून कहाँ हे . दोस्तों बूंदी जिले की इस महिला के अस्मत के सोदाग्रों की कहानी को आरोपियों के बचाने वालों द्वारा छुपायी जा रही हे अख़बार छाप नहीं रहे थे बाथरूम तक की खबर देने वाले टी वी चेनल उसकी सुनवाई नहीं कर रहे थे पुलिस का तो कहना ही क्या था तब इस महिला ने अगर मजबूरी में यह रास्ता अपने तो क्या पुलिस और मीडिया के लियें शर्मनाक नहीं हे दोस्तों यह एक संवेदन शील पोस्ट हे एक भावना एक महिला के दर्द की दास्ताँ हे अगर आपके मन को इस पोस्ट ने छुआ हे तो कोई टिप्पणी ना करे लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत को यह सच एक पत्र के माध्यम से एक पोस्ट माध्यम से जरुर पहुँचाने की कोशिश करे ताकि पुलिस फिर किसी अबला की छेड़ छाड़ की शिकायत को कचरे के डिब्बे में ना डाले . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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1 टिप्पणियाँ:

हरीश सिंह ने कहा…

सही कहा भैया यही होता है.

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