कल मोहाली में क्रिकेट मैच है हिन्दुस्थान और पाकिस्तान का..सुना है भारत के प्रधानमंत्री भी आ रहें है..कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जी ने अन्ना हजारे को समय देने से इंकार किया था व्यस्तता का हवाला देते हुए.. हाँ भाई अन्ना हजारे उनके मंत्रियों के लूट का हिसाब मांगने वाले थे एक हिंदुस्थानी की हैसियत से..
अब मोहाली के लिए माननीय प्रधान मत्री जी को समय मिल जाता है...अगर भारत जीते या भारत हारे दोनों ही परिस्थितियों में न तो काला धन वापस आ सकता है,न ही महंगाई घट सकती है, न ही ये चोर सरकार अपनी चोरी और लूट को बंद कर सकती है...एक सामान्य नागरिक की हैसियत से मैं जो सोचता हूँ या पाता हूँ हम लोग भावना के आवेश में बह जातें है...अभी भावना क्रिकेट की है..कल महंगाई..परसों काला धन तो कभी भोपाल..
भोपाल से याद आया हम लोग ने कितनी चिल्ल पों मचाई थी कुछ माह पहले भोपाल गैस कांड को ले कर...मीडिया ने भी मिले सुर मेरा तुम्हारा करते हुए बेचना शुरू कर दिया था भोपाल त्रादसी के जख्मों को... क्या बदल गया भोपाल में तब से आज तक...कुछ नहीं...लेकिन हमने तो मोंबत्तियां जला ली ..ब्लॉग लिख लिया और बस हो गया भोपाल कांड ख़तम....
मुद्दे को उठाने से जरुरी उसको तब तक जीवंत रखना होता है जब तक वो अपनी परिणिति तक न पहुच पाए ...और कई लोग बोलेंगे की आज भोपाल मुद्दे का क्या ओचित्य है.. तो मित्रों आज न तो बरसी है भोपाल कांड की,न ही किसी विकिलीक्स ने खुलासा किया है..ये मुद्दे को जीवंत रखने का एक सामान्य आदमी का एक छोटा सा प्रयास है...
आगे देखें तो हमारे प्रधानमंत्री जी ने नापाक पाक के सभी आतंकवादियों को सरकारी मेहमान बनने का न्योता भी भेज दिया..
अरे कसब और अफजल जैसे दामाद पा के आप का जीवन धन्य नहीं हुआ की आज ये दोगलापन दिखा रहे हो...ये दोगला शब्द का चयन मैंने पुरे होशोहवास में किया है...क्यूकी इस निर्णय से कहीं न कही एक आम हिन्दुस्तानी भी आहत है..मुंबई हमलों के बाद इसी सरकार ने गले फाड़ फाड़ के कहा था की अपराधियों पर बिना किसी करवाई के कोई वार्ता नहीं होगी...शर्म अल शेख में क्या कसब की हालचाल देने गए थे आप..और गए भी तो बलूचिस्तान बलूचिस्तान का मन्त्र पढ़कर भारत को ही कटघरे में खड़ा कर दिया...आप भारत के प्रतिनिधि थे या पाकिस्तान के बिचौलिए.
.
ये तो फिर भी उच्च स्तर की बातें है जिसकी समझ मुझे न हों मुझे ये बताएं आज तक पाकिस्तान ने खुल्ला घूम रहें मुल्ला और अपराधियों के आवाज के नमूने भी नहीं दिये पकड़ना तो दूर और हम दुम हिला रहें है कायरों की तरह और मैच दिखा रहें है..अतिथि सत्कार कर रहें है....कोई आश्चर्य नहीं होगा इस भरत मिलाप के कुछ माह में ही भारत में बम फोड़े जाएँ या कश्मीर में कत्ले आम हो.. तो हम हर बार अपनी ही बातों से फिर जातें है ..एक पाकिस्तानी पत्रकार को कहते सुना था मैंने की पाकिस्तान को वार्ता के लिए झुकने की जरुरत नहीं है,भारत वाले १-२ साल बाद खुद ही आयेंगे हमारे पास ..
.तो सोनिया के मनमोहन जी आप के आप के सरकार की,युवराज और महरानी की पाकभक्ति के कायल पाकिस्तानी भी है..वो जानते है की आप के लिए कसब और पाकिस्तानी जल्लाद प्यारें है तो आप मैच देखने आयेंगे ही गिलानी से चोंच लड़ायेंगे ही...हा गलती से कश्मीरी पंडितों का हाल नहीं लेंगे क्यूकी बड़े दामाद अफजल जी नाराज हो जाएँगे..
चलिए आप को विश्वकप में भारत की इज्जत लुटवाने की अग्रिम बधाइयाँ...
जय हिंद
अब मोहाली के लिए माननीय प्रधान मत्री जी को समय मिल जाता है...अगर भारत जीते या भारत हारे दोनों ही परिस्थितियों में न तो काला धन वापस आ सकता है,न ही महंगाई घट सकती है, न ही ये चोर सरकार अपनी चोरी और लूट को बंद कर सकती है...एक सामान्य नागरिक की हैसियत से मैं जो सोचता हूँ या पाता हूँ हम लोग भावना के आवेश में बह जातें है...अभी भावना क्रिकेट की है..कल महंगाई..परसों काला धन तो कभी भोपाल..
भोपाल से याद आया हम लोग ने कितनी चिल्ल पों मचाई थी कुछ माह पहले भोपाल गैस कांड को ले कर...मीडिया ने भी मिले सुर मेरा तुम्हारा करते हुए बेचना शुरू कर दिया था भोपाल त्रादसी के जख्मों को... क्या बदल गया भोपाल में तब से आज तक...कुछ नहीं...लेकिन हमने तो मोंबत्तियां जला ली ..ब्लॉग लिख लिया और बस हो गया भोपाल कांड ख़तम....
मुद्दे को उठाने से जरुरी उसको तब तक जीवंत रखना होता है जब तक वो अपनी परिणिति तक न पहुच पाए ...और कई लोग बोलेंगे की आज भोपाल मुद्दे का क्या ओचित्य है.. तो मित्रों आज न तो बरसी है भोपाल कांड की,न ही किसी विकिलीक्स ने खुलासा किया है..ये मुद्दे को जीवंत रखने का एक सामान्य आदमी का एक छोटा सा प्रयास है...
आगे देखें तो हमारे प्रधानमंत्री जी ने नापाक पाक के सभी आतंकवादियों को सरकारी मेहमान बनने का न्योता भी भेज दिया..
अरे कसब और अफजल जैसे दामाद पा के आप का जीवन धन्य नहीं हुआ की आज ये दोगलापन दिखा रहे हो...ये दोगला शब्द का चयन मैंने पुरे होशोहवास में किया है...क्यूकी इस निर्णय से कहीं न कही एक आम हिन्दुस्तानी भी आहत है..मुंबई हमलों के बाद इसी सरकार ने गले फाड़ फाड़ के कहा था की अपराधियों पर बिना किसी करवाई के कोई वार्ता नहीं होगी...शर्म अल शेख में क्या कसब की हालचाल देने गए थे आप..और गए भी तो बलूचिस्तान बलूचिस्तान का मन्त्र पढ़कर भारत को ही कटघरे में खड़ा कर दिया...आप भारत के प्रतिनिधि थे या पाकिस्तान के बिचौलिए.
.
ये तो फिर भी उच्च स्तर की बातें है जिसकी समझ मुझे न हों मुझे ये बताएं आज तक पाकिस्तान ने खुल्ला घूम रहें मुल्ला और अपराधियों के आवाज के नमूने भी नहीं दिये पकड़ना तो दूर और हम दुम हिला रहें है कायरों की तरह और मैच दिखा रहें है..अतिथि सत्कार कर रहें है....कोई आश्चर्य नहीं होगा इस भरत मिलाप के कुछ माह में ही भारत में बम फोड़े जाएँ या कश्मीर में कत्ले आम हो.. तो हम हर बार अपनी ही बातों से फिर जातें है ..एक पाकिस्तानी पत्रकार को कहते सुना था मैंने की पाकिस्तान को वार्ता के लिए झुकने की जरुरत नहीं है,भारत वाले १-२ साल बाद खुद ही आयेंगे हमारे पास ..
.तो सोनिया के मनमोहन जी आप के आप के सरकार की,युवराज और महरानी की पाकभक्ति के कायल पाकिस्तानी भी है..वो जानते है की आप के लिए कसब और पाकिस्तानी जल्लाद प्यारें है तो आप मैच देखने आयेंगे ही गिलानी से चोंच लड़ायेंगे ही...हा गलती से कश्मीरी पंडितों का हाल नहीं लेंगे क्यूकी बड़े दामाद अफजल जी नाराज हो जाएँगे..
चलिए आप को विश्वकप में भारत की इज्जत लुटवाने की अग्रिम बधाइयाँ...
जय हिंद
3 टिप्पणियाँ:
aashutosh ji kiyaa baat he mere dil ki bat chhin li bhtrin sch ujaagar kiya he saahsik lekhn ke liyen bdhayi . akhtar khan akela kota rajsthan
sahi kaha !
Akhthar Bhai..Salim Bhai..Bahut Bahut Dhanyawad
एक टिप्पणी भेजें
Thanks for your valuable comment.