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Written By आपका अख्तर खान अकेला on मंगलवार, 22 मार्च 2011 | 7:36 am

राजस्थान में अब मोतों पर सियासत

राजस्थान में अब मोतों पर सियासत का सिलसिला चल गया हे हाल ही में पिछले दिनों सवाईमाधोपुर मान्टा उन इलाके में थानाधिकारी फुल मोहम्मद को आत्मदाह करने वाले राजेश मीणा को जिंदा बचाने का प्रयास करते वक्त कुछ लोगों ने ज़िंदा जला दिया था लेकिन इन दो मोतों के बाद सियासत तेज़ हो गयी हे .
इन मोतों के बाद पहले त्योहारों की सियासत हुई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रित्प्क्ष नेता वसुंधरा सिंधिया ने त्यौहार नहीं बनाये और इधर सीकर में लोगों में नाराज़गी हे वहां फुल मोहम्मद के शव को जिस तरह से जीप से भेजा गया केवल दो सिपाही साथ थे अंतिम संस्कार में कोई मंत्री शामिल नहीं था और मुकदमा हत्यारों के खिलाफ जिस लापरवाही से दर्ज किया गया किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया उससे सभी लोग सरकार को सीधा दोषी करार दे रहे हें इधर स्थानीय विधायक अलाउद्दीन आज़ाद जो कोंग्रेस के विधायक हे वोह भी इस मोंत पर सियासत करने से नहीं चुक रहे हें वोह अपनी बेबसी बताते हुए कहते हें के मेने तो छ माह पहले ही गृहमंत्री शान्ति धारीवाल और मुख्यमंत्री से कह दिया था के फुल मोहम्मद थानेदार को यहाँ से हटाओ वरना इसे लोग मार देंगे और फिर एक सुनियोजित साज़िश के तहत उसकी हत्या भी कर दी गयी अब जो लोग अपराधी बनाये गये हें वोह पकड़े नहीं गये इन विधायक जी के इलाके के वोटर हे इसलियें एक हफ्ते बाद कोंग्रेस सत्ता पक्ष के विधायक ने खुद की सरकार की जाँच पर नाराज़गी और अविश्वास जताते हुए इस पुरे मामले की जांच सी बी ई से करवाने की मांग कर डाली हे .
इधर एक नोजवान मृतक राजेश मीणा का शव आज तक उसके परिजनों ने नहीं लिया हे और उसका पोस्ट मार्टम तक नहीं हो सका हे माधोपुर में शव  को रखने का इन्तिज़ाम नहीं हे इसलियें राजेश मीणा के शव को कोटा भेजा गया हे जहां अस्पताल में यह शव सुरक्षित तरीके से कड़े पहरे में रखा गया हे राजेश मीणा के परिजनों और समाज से जुड़े लोगों की मांग हे के राजेश को भी शहादत का दर्जा दिया जाए और जो सहायता घोषणा शहीद पुलिस अधिकारी फुल मोहम्मद के लियें की गयी हे व्ही सहायता इस म्र्तक के परिजनों को भी दी जाए कुल मिलाकर अब इन मोतों पर राजस्थान में सियासत तेज़ हो गयी हे और गहलोत विरोधी कोंग्रेसी अब सर उठाने लगे हें भाजपा को चाहे कोंग्रेस ने इस मामले में एडजस्ट  कर लिया हो लेकिन जाती समाज के नाम पर तो इस दर्दनाक हादसे और क्रूरतम हत्या के मामले में यहाँ सियासत तो तेज़ हो ही गयी हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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