भारत पाकिस्तान के बीच हर मुकाबला बड़ा होता है और जब बात क्रिकेट विश्व कप के सेमीफाइनल की हो तो यह कितना बड़ा मैच होगा इसका अंदाज़ा आप स्वयं ही लगा सकते हैं . काबिले गौर बात यह है कि भारत ने यह मुकाबला खेलने का हक विश्व चैम्पियन आस्ट्रेलिया को हरा कर प्राप्त किया है . क्वार्टर फाइनल में भारतीय टीम ने जिस प्रकार का प्रदर्शन किया उसकी तारीफ़ होनी ही चाहिए . पहले गेंदबाजों ने अच्छा काम किया फिर बल्लेबाजों ने सामूहिक प्रयास से जीत सुनिश्चित कर दी . युवराज़ सिंह तो विशेष रूप से बधाई के पात्र हैं . वे गेंद और बल्ले दोनों से कमाल का प्रदर्शन कर रहे हैं . रैना को रंग में वापिस आते देख अच्छा लगा . अब धोनी को छोड़ सभी बल्लेबाज़ जबरदस्त फार्म में हैं , धोनी को भी बड़े मुकाबलों हेतु खुद को तैयार करना होगा .
इस मैच का एक और महत्वपूर्ण पहलू सचिन का गेंदबाज़ी करना रहा . सचिन बहुत उपयोगी गेंदबाज़ रहे हैं लेकिन चोटिल होने के बाद उन्होंनें गेंदबाज़ी से परहेज़ कर लिया था , लेकिन " विश्व कप जीतने के लिए कुछ भी करेगा " की तर्ज़ पर सचिन ने पुन: गेंद पकड़ी . सचिन से गेंदबाज़ी करवाए जाने के विकल्प ने रैना को टीम में स्थान दिलाया और रैना ने अपनी उपयोगिता सिद्ध कर दी .
टीम इंडिया ने इस विश्व कप में पहले बंगलादेश से 2007 का हिसाब चुकता किया और फिर आस्ट्रेलिया से 2003 का . अब पाकिस्तान भारत से 1996 का हिसाब चुकता करने की फिराक में होगा . वैसे विश्व कप में पाकिस्तान भारत को कभी भी हरा नहीं पाया , लेकिन ये सब इतिहास है , इसका वर्तमान से कुछ लेना-देना नहीं . टीम इंडिया को मोहाली में मोटेरा का प्रदर्शन दोहराना ही होगा .
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