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Written By आपका अख्तर खान अकेला on शुक्रवार, 18 मार्च 2011 | 8:37 am

हसन साहब यहाँ कानून ज़िंदा हे

हमारे देश के अरबों खरबों रूपये घोड़े के व्यापार और सट्टे के नाम पर विदेश में जमा करने वाले हसन को शायद यह ता नहीं था के यहाँ कानून नाम की कोई चीज़ हे जिसकी लाठी जब चलती हे तो फिर उसके अपने नेता देश के गद्दार लोग भी उसे बचा नहीं पाते .
हसन अली घोड़े के व्यापारी देश के सभी राजनितिक दलों के नेताओं,व्यापारियों ,उद्द्योग्प्तियों और अधिकारीयों के हम राज़ हे आप देखिये महाराष्ट्र में हसन अली पकड़े जाए उन पर खरबों रूपये टेक्स चोरी का मामला हो और सो कोल्ड राष्ट्रीयता की बात करने वाली शिवसेना , मनसे, भाजपा, आर एस एस इस मामले में खामोश रहे सरकार बढ़े अखबार खामोश रहे अधिकारियों को इसके खिलाफ सबूत नहीं मिले हसन अली कहे के लाओ सबूत और अदालत सबूतों के अभाव में हसन अली को जमानत पर छोड़ दे तो फिर जनाब सोच लो इन हसन अली के इस हुस्न के देश में कितने दीवाने हें राष्ट्रीयता की बात करने वाले यह लोग कहाँ हे लेकिन कल सुप्रीम कोर्ट ने जब हसन अली को फिर से गिरफ्तार करवाकर उसकी जमानत ख़ारिज की और पूंछ तांछ के लियें अधिकारीयों को दिया तो लगा के देश में अभी कानून जिंदा हे सारे देश के सो कोल्ड राष्ट्र भक्तों की चुप्पी हसन अली की रिहाई और फिर गिरफ्तारी इस पुरे मामले में यह सच हे के देश का कानून ही इन सब लोगों पर भरी पढ़ा हे . 
इस मामले का नियंतरण अब अगर सुप्रीम कोर्ट अपने पास रखे तो देश की जनता का धन लुट कर हसन अली को सहारा बना कर विदेशों में धन एकत्रित करने वाले सफेद कोलर वाले चोरों का तो भंडा फोड़ निश्चित हे लेकिन हाँ यहाँ तो मनमोहन सिंह प्रधानमन्त्री हे जो कमजोर लाचार असहाय और मजबूर हे लेकिन उनकी यह कमजोरी भ्रस्ताचार नियंतरण और जनहित के कार्यों की क्रियान्विति के लियें हे अगर सुप्रीम कोर्ट उनसे खे के भ्र्स्ताचारियों और काले धन वालों की सूचि सार्वजनिक करो तो यकीन मानिये जनाब यह कमजोर असहाय से दिखने वाले प्रधानमंत्री इतने ताकतवर हो जाते हें के सुप्रीम कोर्ट के बारम्बार कहने और जनता की लगातार मांग के बाद  भी यह सुप्रीम कोर्ट  के आदेशों को रद्दी की टोकरी में डाल देते हें और एक दम एंग्री  यंग  बन जाते हें  लेकिन हसन अली के पकड़े जाने के बाद इन लोगों के चेहरों पर ही हवाइयां उढने लगती हे इसलियें कहते हे हसन साहब और उनके समर्थकों यहाँ मेरे इस देश में कानून अभी ज़िंदा हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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1 टिप्पणियाँ:

Swarajya karun ने कहा…

हसन जैसे सफेदपोश डाकुओं से क्या सलूक किया जाए ,यह जनता से भी पूछा जाना चाहिए .

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