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षटपदीय ----- दिलबाग विर्क

Written By डॉ. दिलबागसिंह विर्क on शनिवार, 19 मार्च 2011 | 6:11 pm

दीप जलाएं , रंग लगाएँ , हम त्योहारों में 
हर तरफ खुशियाँ फैलाएँ , हम त्योहारों में .
हम  त्योहारों  में , दें  सबको  ये  सन्देश 
भाईचारा  बने , एक  जुट  हो  जाये  देश  .
करके शिकवे दूर , सभी आ जाओ समीप 
छोटे - बड़े सबको , कहते रंग और दीप .

               * * * *
     ----- sahityasurbhi.blogspot.com 
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2 टिप्पणियाँ:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपको होली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ!

shyam gupta ने कहा…

अच्छी कविता--मात्राओं का ध्यान रखे, देखो सही करते हैं--

दीप जलाएं , रंग लगाएँ , हम त्योहारों में, =२५
हर तरफ खुशियाँ फैलाएँ, हम त्योहारों में । =२५
त्योहारों में दे रहे,सभीको यह सन्देश, =२३+२=२५
भाईचारा बने ,एक जुट हो जाये देश । =२५
करके शिकवे दूर,सभी आजाओ नजदीक, =२४+१=२५
छोटे- बड़े सभीको , कहते रंग और दीप। =२४+१=२५

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