नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » , » अब वो मेरी जिन्दगी में

अब वो मेरी जिन्दगी में

Written By Pappu Parihar Bundelkhandi on रविवार, 9 अक्तूबर 2011 | 8:44 am



.
अब वो मेरी जिन्दगी में,
दुबारा आना चाहते हैं,
पर बात यह है कि,
मैंने दर बंद कर दिए हैं,

कैसे उनको बताऊँ,
दिल पर क्या बीती,
उनसे अल्हदा होकर,
जिन्दगी की जंग जीती,

अब वक्त मिला उन्हें,
मेरी तरफ-तारुफ़ होने का,
जब सारी जिन्दगी बीती गयी,
तब ख्याल आया साथ निभाने का,

अब किसी और की हो चुकी,
तुमसे अब बात बहुत हो चुकी,
अपना वक्त बहुत बेजाया कर चुकी,
तुमसे नज़र अब दूर हो चुकी,



.
Share this article :

2 टिप्पणियाँ:

विभूति" ने कहा…

अब किसी और की हो चुकी,
तुमसे अब बात बहुत हो चुकी,
अपना वक्त बहुत बेजाया कर चुकी,
तुमसे नज़र अब दूर हो चुकी,....behtreen abhivaykti....

नीरज द्विवेदी ने कहा…

Jeevak ke sach aur insaan ki majburi ko bahut sundar shabdon me vyakt kiya.
My Blog: Life is Just a Life
My Blog: My Clicks
.

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.