आज सब्जिओं में,
मिट्टी ज्यादा ही थी,
क्यूँ ऐसी सब्जी,
आज उन्होंने खरीदी थी,
क्या मुझसे कुछ,
बदला लेना था,
साफ़ करने का,
अधिक काम देना था,
कल की कहा सुनी का,
शायद ये असर था,
लगता है उन्होंने मन,
अभी झाडा नहीं था,
धीरे-से बुलाया,
हाथ में एक,
पैकेट है पकडाया,
ठंडा-सा था,
मुस्कुराकर,
कहा उन्होंने,
खा लो जल्दी से,
पिघले न गर्मी से,
.
मिट्टी ज्यादा ही थी,
क्यूँ ऐसी सब्जी,
आज उन्होंने खरीदी थी,
क्या मुझसे कुछ,
बदला लेना था,
साफ़ करने का,
अधिक काम देना था,
कल की कहा सुनी का,
शायद ये असर था,
लगता है उन्होंने मन,
अभी झाडा नहीं था,
धीरे-से बुलाया,
हाथ में एक,
पैकेट है पकडाया,
ठंडा-सा था,
मुस्कुराकर,
कहा उन्होंने,
खा लो जल्दी से,
पिघले न गर्मी से,
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1 टिप्पणियाँ:
अच्छी रचना।
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Thanks for your valuable comment.