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आज सज लूँ,
थोडा सँवर लूँ,
सोच रही हूँ,
कौन-सी साडी,
आज पहर लूँ,
लिपस्टिक कौन-सी,
टीका कौन-सा,
हार कौन-सा,
सेंडल कौन-सी,
आज पहर लूँ,
बाल भी धोएं हैं,
इन्हें सवारूँ,
या खुला ही,
छोड़ दूँ,
वक्त आने का,
हो रहा है उनका,
जी घबराने का,
हो रहा है मेरा,
जल्दी-जल्दी,
कर लूँ,
नहीं तो फिर,
ताने देंगे,
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1 टिप्पणियाँ:
Bahut Subdar bhav.
कोई चाहने वाला होता
टूट गया सूरज दीपों में
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