भारतीय टीम बेशक क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी है लेकिन मजबूत टीमों से उसने दो मैच खेले हैं और एक भी नहीं जीता है . एक में उसे हार का सामना करना पड़ा तो दूसरा टाई रहा . द.अफ्रीका से हार बेहद निराशजनक है . अच्छी शुरुआत के बाद जिस तरीके से पारी सिमटी उस पर विचार करना ही होगा . पावर प्ले लेना गलत नहीं था क्योंकि सचिन-गंभीर अच्छा खेल रहे थे लेकिन विकेट गिरने के बाद नए बल्लेबाजों ने आते ही धूम-धडाका करना चाहा जो नहीं हो पाया , वो गलत था .आप कितने भी बड़े बल्लेबाज़ क्यों न हों बड़ी हिट लगाने के लिए पिच पर कुछ समय बिताना जरूरी होता है , इस बात को सभी खिलाडियों को समझना होगा .
गेंदबाज़ी में द.अफ्रीका के खिलाफ भारत के पास श्रेष्ट आक्रमण था लेकिन वो तीन सौ के लगभग स्कोर का भी बचाव नहीं कर पाए . आखिर मैच जीतने के लिए कितना बड़ा स्कोर सुरक्षित होगा ? बल्लेबाज़ हर बार चार सौ का स्कोर नहीं बना सकते , इस बात को ध्यान में रखना ही होगा . उन्हें अपनी ज़िम्मेदारी लेनी ही होगी .
भारत का अगला मैच वेस्ट इंडीज से है . यह मैच भी आसन नहीं होगा . गेंदबाजों को लय में आने का अंतिम अवसर होगा . इस मैच में अश्विन को भी आजमा लिया जाना चाहिए , हो सकता है उसके आने से कोई परिवर्तन हो जाए . अगर गेंदबाज़ी इस मैच में भी पटरी पर न लौटी तो विश्व कप जीतने का सपना सपना ही रह जाएगा . हालाँकि बल्लेबाजों को भी सबक लेने की जरूरत है लेकिन गेंदबाज़ी इस समय सबसे ज्यादा चिंता का विषय है . कमजोर गेंदबाज़ी ही उन पर बहुत बड़ा स्कोर बनाने का दवाब डालती है और परिणाम वही होता है जो द.अफ्रीका के खिलाफ हुआ . द.अफ्रीका के खिलाफ बल्लेबाज़ 370 का स्कोर मानकर चले होंगे इसी से गडबड पैदा हुई . इस गलती को दोबारा दोहराने से बचना होगा . अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा . असली विश्व कप शुरू होने से पहले उन्हें एक मैच और खेलना है . देखना है टीम इण्डिया इस हार से क्या सबक सीखती है .
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2 टिप्पणियाँ:
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (14-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
बीति ताहि बिसार दे!
आगे की सुधि लेय!
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Thanks for your valuable comment.