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तेरी ख़ामोशी

Written By PRIYANKA RATHORE on बुधवार, 9 मार्च 2011 | 8:10 am






तेरी ख़ामोशी -
इस पलछिन में .......
भीगी बूंदों की तरह
कुछ बयाँ  कर जाती है !!

तेरी ख़ामोशी -
गीले से अहसास में
रात की चांदनी की तरह
सिहरन पैदा कर जाती है !!

तेरी ख़ामोशी -
चुभते हुए शूल  संग
फूलों की खुशबु की तरह
दर्द ही दे जाती है !!

तेरी ख़ामोशी -
इस पलछिन में ...........



प्रियंका राठौर




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10 टिप्पणियाँ:

Hema Nimbekar ने कहा…

bahut khub...bahut sunder kavita hai..

shyam gupta ने कहा…

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....

इस खामोशी का आलम क्या कहिये,
गूंगों को भी सरगम आ जाये ।

PRIYANKA RATHORE ने कहा…

@hema-thanks dear...
@vandna ji & gupta ji-aapka bhut bhut dhanybad...

Saleem Khan ने कहा…

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....

PRIYANKA RATHORE ने कहा…

@saleem ji- dhanybad

Amit Chandra ने कहा…

इन खामोशियों को समझने की कोशीश कीजिए। फिर कोई शिकायत नहीं रहेगी। आभार।

Khare A ने कहा…

sudnar panktiyan

Khare A ने कहा…

sudnar panktiyan

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

khoobsurat ehsas.

RAMESH JAUNPURI ने कहा…

APKI PANKTIYON NE DIL KO CHHOO LIYA.

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