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तेरी ख़ामोशी
तेरी ख़ामोशी -
इस पलछिन में .......
भीगी बूंदों की तरह
कुछ बयाँ कर जाती है !!
तेरी ख़ामोशी -
गीले से अहसास में
रात की चांदनी की तरह
सिहरन पैदा कर जाती है !!
तेरी ख़ामोशी -
चुभते हुए शूल संग
फूलों की खुशबु की तरह
दर्द ही दे जाती है !!
तेरी ख़ामोशी -
इस पलछिन में ...........
प्रियंका राठौर
10 टिप्पणियाँ:
bahut khub...bahut sunder kavita hai..
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
इस खामोशी का आलम क्या कहिये,
गूंगों को भी सरगम आ जाये ।
@hema-thanks dear...
@vandna ji & gupta ji-aapka bhut bhut dhanybad...
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
@saleem ji- dhanybad
इन खामोशियों को समझने की कोशीश कीजिए। फिर कोई शिकायत नहीं रहेगी। आभार।
sudnar panktiyan
sudnar panktiyan
khoobsurat ehsas.
APKI PANKTIYON NE DIL KO CHHOO LIYA.
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Thanks for your valuable comment.