कादम्बिनी ने तारकेश्वरी को ब्लोगर बना दिया
जी हाँ दोस्तों एक बहतरीन ब्लोगर तारकेश्वरी गिरी को बादाम की गिरी की तरह मजबूत और ताकतवर ब्लोगर केवल एक पत्रिका कादम्बिनी की प्रेरणा ने बनाया हे और जल वायु प्रदूषण क्षेत्र में बचाव कार्यों के लियें आप आन्दोलन की तरह जूनून के साथ लगे हें .
आजम गढ़ के एक छोटे से गाँव में जन्मे तारकेश्वरी गिरी ने ग्रामीण परिप्रेक्ष से बाहर निकल कर शिबली नेशनल कोलेज से बी ऐ किया और फिर रोज़गार के लियें दिल्ली आ गये वोह इन दिनों बेंकिंग इन्वेस्टमेंट के काम में लगे हें कहते हें जिसका मन बचपन से कवि हो जिसके विचार किसी से बंधे ना हो जिसका मन सागर हो और जहां सेकड़ों नदियाँ एक साथ आकर मिलती हें इस समुन्द्र में कई विचार विचरण करते हें जो उबल की तरह से बाहर आने के लियें आतुर रहते हें . हमारे तारकेश्वर गिरी ने ११ अक्तूबर को एक पत्रिका कादम्बिनी पत्रिका उठाई और तब जल और वायु प्रदूषण मामले में लोगों को इस प्रदूषण से बचाने के लियें तारकेश्वर जी ने एक लेखन आदोलन की ठानी और पहली पोस्ट ११ अक्तूबर को अंग्रेजी में लिखी जिस पोस्ट में उन्होंने जल एवं वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में सभी को आमंत्रित किया हे और कादम्बिनी पत्रिका को इस प्रेरणा के लियें धन्यवाद दिया हे .
तारकेश्वर जी का नारा हे बहुत कुछ सोचा बहुत कुछ समझा अब करने का समय आ ही गया हे लेट ही सही वोह कहना चाहते हें के अब सोचना नहीं समझना नहीं सिर्फ करके दिखाना हे और अपनी रोज़गार की व्यस्तता और दिल्ली की दुनिया की भागमभाग के बाद भी तारकेश्वर जी ने अब तक १९२ ब्लॉग लिख डाले हें अपने १९२ ब्लॉग पर तारकेश्वर जी ने जापान के सुनामी से हुई तबाही पर अपनी संवेदनाएं जारी की हे ब्लोगर की दुनिया में तारकेश्वर जी सभी से लगभग जुड़े हें और इस दुनिया में प्यार अपनापन बाँट रहे हें . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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