जिंदगी जन्नत बने, इसके लिए निभानी होगी दोस्ती .
ये वो शै है जो हर पल आमादा है लुप्त होने को
जब मिले, जहाँ मिले, जी भरकर समेट लेना ख़ुशी .
प्यार के सब्ज़ खेत भला लहलहाएंगे तो कैसे, जब तक
वफा की घटा, दिलों की जरखेज ज़मीं पर नहीं बरसती .
वहशियत नहीं मासूमियत हो, नफरत नहीं मुहब्बत हो
ऐसे ख्वाबों को पूरा करने में तुम लगा दो जिंदगी .
माना दौर है तूफानों का, यहाँ नफरतों की आग है
फिर भी हिम्मत हारना, है तुम्हारी सबसे बड़ी बुजदिली .न तो नफरत की बात कर 'विर्क', न उल्फत से गिला कर
किस्मत तेरी रंग लाएगी, तू खुद को बदल तो सही .
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