anant ka dard: दर्शन का बम: "आज का गाँधी ,आज की तैयारी ......(सभार - आशुतोष ) राजपथ पर एक बूढ़ा खड़ा था , पीठ लादे एक भारी पोटली , तन पर थे जो भी कपड़े , फटे-चिटे थे ..."
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anant ka dard: दर्शन का बम
Written By Anurag Anant on गुरुवार, 28 अप्रैल 2011 | 1:32 pm
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1 टिप्पणियाँ:
अल्लाहताला के रहमोकरम से इस्लाम में इतनी कूबत है की आशुतोष जैसे काफिरों की इस्लाम को नापाक कहने वाले ब्लॉग को बंद करा दे..सभी मुश्लिम भाई आ जाओ इस्लाम की हिफाजत करें और इस काफ़िर को सबक सिखाएं..
हिंदी कविता-कुछ अनकही कुछ विस्मृत स्मृतियाँ /Ashutosh Nath Tiwari: जेहाद
आशुतोष की कलम से....: भारतीय मुसलमान,इस्लाम और आतंकवाद..
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