गजोधर बेहद डरा हुआ बैठा था, तभी मनोहर वहां पहुंचा और पूछा, "क्या हुआ, भाई...
इतना डरा-सहमा क्यों लग रहा है...?"
इतना डरा-सहमा क्यों लग रहा है...?"
गजोधर ने कहा, "अभी-अभी मुझे एक खत मिला है, जिसमें लिखा है -
मेरी बीवी से मिलना बंद कर दो, वरना जान से हाथ धो बैठोगे..."
मेरी बीवी से मिलना बंद कर दो, वरना जान से हाथ धो बैठोगे..."
मनोहर ने सुझाव दिया, "तू उसकी बीवी से मिलना बंद कर दे... सब परेशानी खत्म हो जाएगी..."
गजोधर ने निराश स्वर में कहा, "तेरे लिए कहना बहुत आसान है, दोस्त..."
मनोहर ने फिर पूछा, "उसकी बीवी इतनी पसंद है तुझे...?"
गजोधर ने जवाब दिया, "नहीं, उसने खत में अपना नाम तो लिखा ही नहीं...कौन से दोस्त की ............. "
2 टिप्पणियाँ:
कौन से दोस्त की.....
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किसी दुसरे की बीवी से सम्बन्ध अर्थात 'ससहमति व्यभिचार' और 'ससहमति व्यभिचार' की परिणति सिर्फ़ धमकी ही नहीं कभी कभी हत्याए भी होती है. इस सम्बन्ध में मेरा लेख पढ़ें !
http://swachchhsandesh.blogspot.com/2011/03/fornication-slow-poision.html
और एसे वेवकूफ़ी के जोक व पोस्ट न लिखे जायं तो बहुत अच्छा....
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