एक आम ब्लॉगर की तरह मैं भी यहां कुछ अरमान लेकर आया था। हिंदी ब्लॉगिंग का मतलब मैं यही समझता था कि हम अपने विचार दूसरों के साथ शेयर करें और दूसरों के लेख पढ़कर हम लाभ उठाएं लेकिन धीरे-धीरे यह सच्चाई सामने आई कि जिन लोगों को लिखने का ख़ाक पता नहीं है वे यहां बड़े ब्लॉगर बने बैठे हैं और ब्लॉगर्स के चक्रवर्ती सम्राट बनने के चक्कर में हैं। मैंने तुरंत से ही उनकी मुख़ालिफ़त शुरू कर दी तो उन्होंने मेरे धर्म को कोसना शुरू कर दिया और मुझे एक और लड़ाई में उलझा दिया। ताकि मुझ पर अन्य धर्मों का विरोधी होने का ठप्पा लगाया जा सके जिससे नए ब्लॉगर्स मेरी बात पर कान ही न धरें। धीरे-धीरे मैंने ऐसे सभी लोगों के होश ठिकाने लगा दिए और कुछ जगहों पर खुद को पीछे हटा लिया ताकि मैं फ़ालतू में इन बड़े ब्लॉगर्स की साज़िश का शिकार न बनूं। मैं चाहूं तो मैं भी ख़ामोश रह सकता हूं लेकिन मुझसे अन्याय होता देखकर चुप रहा ही नहीं जाता। इस बार मैं देख रहा हूं कि औरत को सरेआम नंगा करने वाले हिंदी व्यंग्यकार अपने यार-दोस्तों की टीम को सम्मानित कर रहे हैं और खुद भी सम्मानित हो रहे हैं।
एक मशहूर एग्रीकटर की लगभग पूरी टीम को ही अहाने-बहाने से आॅब्लाइज किया जा रहा है। इस तरह औरत के सतीत्व और स्त्रीत्व को अपमानित करने वाले ये लोग तमाशेबाज़ी करके हिंदी ब्लॉग जगत में अपना नाम ऊंचा करने की फ़िराक़ में हैं। अगर ये लोग कामयाब हो गए तो नेकी-बदी और सम्मान-अपमान का पैमाना और उसकी तमीज़ ही ख़त्म हो जाएगी। इस क्राइसिस से बचाने के लिए मुझे अकेले ही आवाज़ उठानी पड़ी वर्ना ऐसा नहीं है कि मैं जोड़-तोड़ करके एक अदद सम्मान हासिल न कर सकता था। ऐसे जुगाड़ और ऐसी तकनीक मुझे भी आती है लेकिन सम्मान मेरा मक़सद नहीं है , मेरा मक़सद तो सत्य है। जो भी काम हो उसमें ईमानदारी और पारदर्शिता हो। अगर इन्होंने कोई सूची जारी कर ही दी थी तो अब पुरस्कार भी उसी के अनुरूप बांटे जाने चाहिएं थे और अगर श्रेष्ठ व्यंग्यकार को अपने द्वारा नंगा फ़ोटो लगाने पर कोई अफ़सोस है तो समस्त हिंदी ब्लॉगर्स से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांग लेते तो बात ख़त्म हो जाती। दूसरी बातों को हम भी नज़रअंदाज़ कर देते।कार्यक्रम तो इनका होकर रहेगा क्योंकि इन्होंने एक लंबे अर्से से गुटबाज़ी करके एक नेटवर्क बना लिया है लेकिन इनका मज़ा तो ख़राब कर ही दिया जाएगा। जब ये लोग सम्मान सभा में सजकर बैठे हों तब भी इनकी एक नज़र आपकी पोस्ट पर रहनी चाहिए। इससे आइंदा इन पर दबाव बनेगा और ये इस बार की तरह हिंदी ब्लागर्स को मूर्ख बनाकर उन्हें अपमानित करने का साहस नहीं कर पाएंगे।
हमारे अंदर किसी भी मुद्दे पर कितनी भी असहमति क्यों न हो ? लेकिन हमें इनके चैधरीपने के सपने को चकनाचूर करने के लिए आपस में एकजुट होना ही पड़ेगा। जितने भी नए ब्लॉगर्स हैं, जितने ब्लॉगर्स भी गुटबाज़ी से दूर हैं उन्हें एकजुट करने के उद्देश्य से ही ‘हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल‘ की स्थापना की गई है। जो लोग इस संघर्ष में मेरे साथ आना चाहते हैं यदि वे फ़ोरम में शामिल होना चाहें तो उनका स्वागत है।
http://hbfint.blogspot.com/
-----------------------
1 टिप्पणियाँ:
अनवर भाई ..
हम आप के साथ है...शायद नए ब्लोगेर को कुछ लोग बहका रहें है और आप को उलझा रहें है..
देखिये में इशारे की भाषा समझता नहीं आप नाम लें और लेख का लिंक दे...मैं नया हूँ इसलिए मुझे यही नहीं समझ में आ रहा है की फिक्सिंग कहाँ हो रही है
आप खुल कर बोलिए न में भी विरोध करता हूँ अगर सत्यता है आप की बातो में..लेकिन आप की कई पोस्ट देखि में उन महानुभावों का नाम ही नहीं खोज प् रहा हूँ...
आप आगे बढ़िया हम आप के साथ है..
जय हिंद
एक टिप्पणी भेजें
Thanks for your valuable comment.